एविएशन कंपनियों के लिए अच्छी खबर! बोइंग 787 के लिए GAGAN अनिवार्यता पर मिली छूट, जानिए डीटेल्स
GAGAN System Mandatory: एविएशन कंपनियों के लिए अच्छी खबर है. अब कंपनियों को सरकार की तरफ से राहत मिली है और गगन सिस्टम को लागू करने की समयसीमा में छूट मिली है.
GAGAN System Mandatory: एविएशन कंपनियों के लिए सरकार की ओर से अच्छी खबर आई है. देश की सभी एयरलाइन कंपनियों, जिनके पास बोइंग 787 है, को गगन (GAGAN System) प्रणाली को अनिवार्य रूप से संचालित करने की समयसीमा में छूट दी गई है. बोइंग 787 के लिए गगन अनिवार्यता पर 31 दिसंबर 2025 तक छूट मिल गई है. यानी कि अब एयरलाइन्स कंपनियों को 31 दिसंबर 2025 तक गगन सिस्टम को लागू करने की बाध्यता नहीं होगी. कंपनियों को अगले 3 साल के लिए इससे छूट दे दी गई है. बता दें कि गगन, भारत का नेवीगेशन सिस्टम है, जिसे ISRO ने तैयार किया है.
सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
उड्डयन मंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है. मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि अभी एविएशन कंपनियों के लिए गगन नेवीगेशन सिस्टम को लागू करने की समयसीमा में बदलाव किया गया है और ये समयसीमा अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दी है. बता दें कि लगभग सभी कंपनियों के बेड़े में बोइंग 787 जहाज है तो ऐसे में ये खबर सभी एयरलाइन्स कंपनियों के लिए राहत की खबर है.
✈️एविएशन कंपनियों के लिए अच्छी खबर...
— Zee Business (@ZeeBusiness) August 23, 2022
- बोइंग 787 के लिए GAGAN अनिवार्यता की शर्त में 31 दिसंबर 2025 तक छूट
- GAGAN: भारत का नेवीगेशन सिस्टम है
- उड्डयन मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
- लगभग सभी कंपनियों के बेड़े में है ये जहाज #Aviation #StockMaket pic.twitter.com/hwhtaz417D
पहले भी बढ़ाई थी समयसीमा
घरेलू विमान कंपनियों की ओर से तैयारियों में कमी के चलते विमानों को गगन प्रणाली से लैस करने की समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया था. साल 2015 में राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति के तहत सभी विमानों को 1 जनवरी 2019 तक गगन (जीपीएस एडेड जियो संवर्धित नेवीगेशन) प्रणाली के लिए पंजीकृत करवाना अनिवार्य किया गया था.
ISRO ने बनाई ये प्रणाली
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिलकर इस नई प्रणाली को बनाया है. ये नई प्रणाली संयुक्त रुप से 774 करोड़ रुपए के निवेश से विकसित करके बनाई गई है. इस सिस्टम को 2015 में लागू किया गया था.
08:35 AM IST