मामूली इनवेस्टमेंट के साथ शुरू करें ये इंडस्ट्री, रोज होगी हजारों की कमाई, सरकार भी करेगी मदद
अगर आप अपना कारोबार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो भारत सरकार (Government of India) आपके लिए एक शानदार मौका लेकर आई है.
अपना उद्योग शुरू करना चाहते हैं तो सरकार लाई ये शानदार मौका (फोटो -जीन्यूज डॉट कॉम)
अपना उद्योग शुरू करना चाहते हैं तो सरकार लाई ये शानदार मौका (फोटो -जीन्यूज डॉट कॉम)
अगर आप अपना कारोबार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो भारत सरकार (Government of India) आपके लिए एक शानदार मौका लेकर आई है. इसके जरिए आप जहां रोज हजारों रुपये कमा सकते हैं, वहीं इसमें बड़ी संख्या में जरूरत मंद लोगों को भी काम मिलेगा.केंद्रीय MSME मंत्री नितिन गडकरी ने अगरबत्ती उत्पादन में भारत को आत्म-निर्भर बनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की ओर से रोजगार पैदा करने के लिए कार्यक्रम शुरू करने को मंजूरी दे दी है.
‘खादी अगरबत्ती आत्म-निर्भर मिशन’ नाम के इस कार्यक्रम को देश के अलग अलग हिस्सों में बेरोजगारों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा करने और घरेलू अगरबत्ती उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. इस प्रस्ताव को पिछले महीने मंजूरी के लिए MSME मंत्रालय भेजा गया था. जल्द ही इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस प्रोग्राम से हजारों की संख्या में रोजगार पैदा होंगे.
पब्लिक और प्राइवेड मोड पर KVIC इस योजना को शुरू कर रहा है. इस उद्योग में इनवेस्टमें काफी कम है जबिक बहुत बड़ी संख्या में लोगों को काम मिल सकेगा. इस योजना के तहत प्राइवेट अगरबत्ती बनाने वालों को बिना किसी पूंजी निवेश के अगरबत्ती का उत्पादन बढ़ाने में मदद दी जाएगी. इस योजना के तहत, केवीआईसी सफल प्राइवेट अगरबत्ती निर्माताओं के माध्यम से कारीगरों को अगरबत्ती बनाने की ऑटोमेटिक मशीन और पाउडर मिक्सिंग मशीन देगा. KVIC उद्यमी से बिजनेस पार्टनर के तौर पर समझौता भी करेगा. केवीआईसी की ओर से भारत में बनी मशीनों को ही उद्यमियों को दिया जाएगा.
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केवीआईसी मशीनों की कीमत पर 25% सब्सिडी देगा के तौर पर देगा. साथ ही कारीगरों से हर महीने आसान किस्तों में बाकी के 75% की वसूली की जाएगी. बजनेस पार्टनर कारीगरों को अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराएगा और उन्हें काम के आधार पर मजदूरी का भुगतान करेगा. कारीगरों के प्रशिक्षण की लागत केवीआईसी और प्राइवेट बिजनेस पार्टन के बीच बांटी जाएगी, इसमें केवीआईसी लागत का 75% देगा, जबकि 25% इंडस्ट्री को देना होगा.
अगरबत्ती बनाने की एक ऑटोमैटिक मशीन रोज लगभग 80 किलो अगरबत्ती बनाती है जिससे 4 लोगों को काम मिलेगा. अगरबत्ती बनाने की पांच मशीनों के सेट पर एक पाउडर मिक्सिंग मशीन दी जाएगी, जिससे 2 लोगों को रोजगार मिलेगा.
अभी अगरबत्ती बनाने की मजदूरी 15 रुपये प्रति किलोग्राम है. इस दर से एक ऑटोमैटिक अगरबत्ती मशीन पर काम करने वाले 4 कारीगर 80 किलोग्राम अगरबत्ती बनाकर रोज 1200 रुपये कमाएंगे. इसलिए एक कारीगर को रोज लगभग 300 रुपये मिलेंगे. इसी तरह पाउडर मिक्सिंग मशीन पर प्रत्येक कारीगर को हर दिन 250 रुपये मिलेंगे.
देश में अगरबत्ती की खपत लगभग 1490 मीट्रिक टन प्रतिदिन है. जबिक भारत में अगरबत्ती का उत्पादन रोज केवल 760 मीट्रिक टन ही है. मांग और आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर है. इसलिए, इसमें रोजगार मिलने की अपार संभावनाएं हैं.
12:07 PM IST