MSME के दायरे में आएंगे खुदरा और थोक व्यापार, मोदी सरकार का बड़ा फैसला
मोदी सरकार के इस फैसले से व्यापारियों को प्रायोरिटी सेक्टर के तहत आसान लोन मिल सकेगा.
इस फैसले से करीब 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा. (Image: PTI)
इस फैसले से करीब 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा. (Image: PTI)
कोरोना महामारी की दूसरी लहर (COVID19 second wave) के चलते दिक्कतों का सामना कर रहे खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है. मोदी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार (Retail and wholesale trade) को MSME के दायरे में लाने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. नितिन गडकरी ने बताया कि अब थोक और खुदरा व्यापारियों को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत आसान लोन मिल सकेगा. सरकार के इस फैसले से करीब 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर बताया कि संसोधित गाइडलाइन के तहत अब खुदरा और थोक व्यापारियों को MSME के दायरे में आएंगे. सरकार एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है. एमएसएमई सेक्टर इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन है. खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के दायरे में लाने का सबसे बड़ा फायदा कर्ज लेने में होगा. रिजर्व बैंक की तरफ से प्रायोरिटी सेक्टर को आसान शर्तों पर लोन उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''कोविड की दूसरी लहर के चलते आई दिक्कतों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फैसला किया गया है. प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.''
RBI के मुताबिक, रिवाइजल्ड PSL गाइडलाइंस के जरिए उन जगहों पर क्रेडिट सुविधा मुहैया कराने में आसानी होगी, जहां क्रेडिट की कमी है.
व्यापारियों के लिए ऐतिहासिक कदम: CAIT
खुदरा व्यापार को एमसएसमई के दायरे में लाने पर ट्रेडर्स की संस्था कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा है कि यह देश के व्यापारियों के लिए बड़ा और ऐतिहासिक कदम है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हम पिछले एक साल से अधिक समय से लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे और कई स्तरों पर सरकार के साथ बातचीत कर रहे थे. सरकार के इस फैसले से देश के करोड़ों छोटे कारोबारियों को फायदा होगा.
इस फैसले से व्यापारी एमएसएमई कैटेगरी के अंतर्गत आएंगे और प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से ले सकेंगे. इसके अलावा, व्यापारी सरकार की अन्य दूसरी स्कीम्स का भी लाभ उठा सकेंगे, जिनका फायदा एमएसएमई सेक्टर को मिल रहा है. कैट का कहना है कि देश के व्यापारिक समुदाय करीब 40 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है और करीब 115 लाख करोड़ का सालाना कारोबार कर रहा है.
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01:45 PM IST