आर्सेलर मित्तल का शुद्ध मुनाफा 66 प्रतिशत गिरा, कच्चे माल की लागत बढ़ने से लगा बट्टा
इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल का शुद्ध मुनाफा मार्च तिमाही में 66 प्रतिशत कम होकर 40 करोड़ डॉलर पर आ गया. कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल की समान तिमाही में उसे 1.20 अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा हुआ था.
कंपनी जनवरी से दिसंबर तक के वित्त वर्ष का अनुसरण करती है. (Reuters)
कंपनी जनवरी से दिसंबर तक के वित्त वर्ष का अनुसरण करती है. (Reuters)
इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल का शुद्ध मुनाफा मार्च तिमाही में 66 प्रतिशत कम होकर 40 करोड़ डॉलर पर आ गया. कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल की समान तिमाही में उसे 1.20 अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा हुआ था. कंपनी जनवरी से दिसंबर तक के वित्त वर्ष का अनुसरण करती है.
कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि इस्पात उद्योग चुनौतीपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है. इसके अलावा कमजोर आर्थिक गतिविधियों के चलते इस्पात की कम कीमत तथा कच्चे माल की लागत बढ़ने से मुनाफे पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि कंपनी को आने वाले समय में भी चुनौतीपूर्ण कारोबारी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
इससे पहले खबर आई थी कि एस्सार स्टील में मेजॉरिटी हिस्सेदारी रखने वाली एस्सार स्टील एशिया होल्डिंग्स (ईएसएएचएल) ने कंपनी को खरीदने की आर्सेलरमित्तल की कोशिश को खारिज किए जाने की मांग की है. कंपनी प्रवर्तक ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली न्यायाधिकरण (NCALT) का दरवाजा खटखटाया है.
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एस्सार स्टील ने एक बयान में कहा, "लक्ष्मी मित्तल और आर्सेलर मित्तल इंडिया लिमिटेड (एएम) ने प्रमुख तथ्यों को दबाने के लिए साजिश रची और ऋणदाताओं की समिति, सर्वोच्च न्यायालय और अपीली न्यायाधिकरण को यह मानने के लिए भ्रमित किया कि लक्ष्मी मित्तल और आर्सेलर मित्तल ने अपने भाइयों प्रमोद मित्तल और विनोद मित्तल तथा उनकी कंपनियों के साथ कोई भी कारोबार नहीं किया था."
प्रशांत रुइया के नेतृत्व वाली ईएसएएचएल ने अपने आवेदन में आर्सेलर मित्तल द्वारा 17 अक्टूबर, 2018 को दाखिल एक हलफनामे में का जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है कि लक्ष्मी मित्तल और उनके भाइयों तथा उनकी कंपनियों के बीच 20 वर्षो से अधिक समय तक कोई कारोबारी जुड़ाव नहीं रहा है। और इसलिए लक्ष्मी मित्तल या आर्सेलर मित्तल की उस किसी भी कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं है, जिनमें उनके भाई प्रमोटर हैं। इन कंपनियों में जीपीआई टेक्टाइल्स, बालासोर अलॉयस और गोंटरमैन पीपर्स भी शामिल हैं.
एस्सार स्टील में 72 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली ईएसएएचएल ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, उससे पता चलता है कि 30 सितंबर, 2018 तक लक्ष्मी मित्तल अपने भाइयों प्रमोद मित्तल और विनोद मित्तल के साथ नवोदय कंसल्टैंट्स के सह-प्रमोटर थे, और नवोदय जीपीआई टेक्सटाइल्स, बालासोर अलायस और गोंटरमैन पीपर्स का एक प्रमोटर थी.
एजेंसी इनपुट के साथ
08:15 PM IST