RBI मोनेटरी पॉलिसी मीटिंग में नहीं घटाएगा ब्याज दर!, यहां जानें क्या है एक्सपर्ट्स की राय
गवर्नर की लीडरशिप वाली छह मेंबर्स की एमपीसी की तीन दिन की मीटिंग के फैसलों की अनाउंसमेंट 1 अक्टूबर को की जाएगी.
इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सितंबर में मुद्रास्फीति और बढ़ेगी. (रॉयटर्स)
इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सितंबर में मुद्रास्फीति और बढ़ेगी. (रॉयटर्स)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती की संभावना नहीं है. आरबीआई की 29 सितंबर से मोनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की मीटिंग शुरू होने जा रही है. ब्याज दर को लेकर कटौती न होने की राय एक्सपर्ट्स ने दी है. उनका मानना है कि खुदरा महंगाई बढ़ने के चलते आरबीआई ब्याज दर को स्थिर रखेगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का कहना कि सप्लाई से जुड़े मुद्दों के चलते खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है, ऐसे में केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों में बदलाव की संभावना कम है.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) ने इससे पहले कहा था कि आगे और मौद्रिक एक्शन की गुंजाइश है, लेकिन हमें अपने ‘हथियारों’ का इस्तेमाल समझदारी से करना होगा. गवर्नर की लीडरशिप वाली छह मेंबर्स की एमपीसी की तीन दिन की मीटिंग के फैसलों की अनाउंसमेंट 1 अक्टूबर को की जाएगी.
अगस्त में एमपीसी की पिछली मीटिंग में रिजर्व बैंक ने महंगाई में बढ़ोतरी को रोकने के लिए नीतिगत दरों (Repo Rate) में बदलाव नहीं किया था. हाल के समय में मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत को पार कर गई. तब रिजर्व बैंक ने कहा था कि महामारी के चलते इकोनॉमी की स्थिति बेहद कमजोर है. खबर के मुताबिक, फरवरी से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.
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भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा कि रिजर्व बैंक को अपने नरम रुख को जारी रखना चाहिए. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति बढ़ने से अभी केंद्रीय बैंक को दरों में कटौती से बचना चाहिए. रिजर्व बैंक को महंगाई में कुछ कमी आने का इंतजार करना चाहिए. उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि कोविड-19 महामारी से इकोनॉमी में गिरावट को देखते हुए रिजर्व बैंक को अपने नरम रुख को जारी रखना चाहिए.
यूनियन बैंक के एमडी और सीईओ राजकिरण राय ने कहा कि रिजर्व बैंक पहले की स्थिति बरकरार रखेगा. महंगाई इतनी ऊंची होने से मुझे इस बार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं दिखती. ब्याज दरों में कटौती फरवरी से पहले नहीं होगी. अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली घटकर 6.69 प्रतिशत रही है. जुलाई में यह 6.73 प्रतिशत पर थी.
इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सितंबर में मुद्रास्फीति और बढ़ेगी. उसके बाद अगले कुछ महीनों तक यह नीचे रहेगी. नायर ने कहा कि हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक इस बार ब्याज दरों को स्थिर रखेगा. केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि रिजर्व बैंक के रुख, रेपो दर या सीआरआर में कोई बदलाव नहीं होगा.
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एनारॉक प्रापर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी का भी कहना है कि इस सप्ताह एमपीसी के सामने ब्याज दरें घटाने या स्थिर रखने को लेकर असमंजस रहेगा. उन्होंने कहा कि इस साल महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट आएगी. ऐसे में निश्चित रूप से ऐसी उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि ब्याज दरों में कटौती होगी.
05:31 PM IST