Axis Bank ने LGBTQIA समुदाय को दी सौगात, समान जेंडर वाले कपल बैंक में खोल सकेंगे ज्वाइंट अकाउंट
Axis Bank Policies for LGBTQIA : प्राइवेट बैंक Axis Bank LGBTQIA समुदाय के अपने कस्टमर्स और कर्मचारियों के लिए नए सुविधाजनक नियम पेश किएं.
Axis Bank ने दी LGBTQIA समुदाय को राहत. (Source: Twitter)
Axis Bank ने दी LGBTQIA समुदाय को राहत. (Source: Twitter)
Axis Bank Policies for LGBTQIA : प्राइवेट बैंक Axis Bank ने वर्क प्लेस पर विविधता, इक्विटी और समावेश को बढ़ावा देने के लिए LGBTQIA समुदाय के कस्टमर्स और कर्मचारियों के लिए विशेष नीतियां और नियमों के एक चार्टर को बनाया.
AXIS Bank ने कहा कि इन नय नियमों के साथ LGBTQIA+ समुदाय के कस्टमर अपने पार्टनर को अपने बैंक अकाउंट में नॉमिनी बना पाएंगे.
OPEN - A simple four letter word that can have profound meaning. It can mean different things to different people. And that's the beauty! When we are OPEN to differences, we embrace diversity, with values of equity and inclusion. We are always #DilSeOpen. #ComeAsYouAre. pic.twitter.com/YAcy977sYN
— Axis Bank (@AxisBank) September 6, 2021
Axis Bank ने बनाया चार्टर
TRENDING NOW
इसके अलावा कस्टमर अपने समलैंगिक पार्टनर के साथ ज्वाइंट सेविंग और टर्म डिपॉजिट अकाउंट भी खोल सकेंगे. Axis Bank ने LGBTQIA+ समुदाय के कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए नीतियों और प्रथाओं की चर्चा करते हुए 'ComeAsYouAre' चार्टर की घोषणा की.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
अपने पार्टनर को दे सकेंगे मेडिक्लेम का लाभ
बैंक के कर्मचारी अपने किसी भी जेंडर या वैवाहिक स्थिति वाले पार्टनर को अपने मेडिक्लेम लाभों के लिए लिस्टेड कर सकते हैं. इसके अलावा बैंक के कर्मचारी अपने जेंडर या फिर जेंडर एक्सप्रेशन के हिसाब से कपड़े भी पहन सकते हैं.
Axis Bank ने सोमवार को अपने दिल से ओपेन फिलॉसिफी के तहत #ComeAsYouAre की घोषणा की, जो कि बैंक के LGBTQIA+ समुदाय के कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए पॉलिसीज का एक चार्टर है.
Axis है भारत का पहला ऐसा बैंक
इन नियमों के साथ Axis Bank भारत का पहला बैंक है, जिसने LGBTQIA+ समुदाय के कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए इस तरह के कदम उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में अपने ऐतिहासिक फैसले में दो वयस्कों के बीच आपसी समझौते से बने निजी तौर पर सभी यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था.
20 सितंबर से मिलेगा लाभ
देश के तीसरे सबसे बड़े निजी बैंक ने कहा कि किसी भी कर्मचारी या ग्राहकों की जेंडर प्राथमिकता उनके जन्म के समय मिले जेंडर से अलग हो सकती है. बैंक 20 सितंबर, 2021 से अपने ग्राहकों के लिए ये नियम लेकर आ रहा है, जिसके लिए कस्टमर्स अपने टाइटल में Mx जोड़ सकते हैं.
बैंक ने बताया कि उसके LGBTQIA+ समुदाय के कर्मचारी अपनी पसंद के टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. Axis Bank ने अपने बड़े कार्यालयों में सभी जेंडर के लिए टॉयलेट शुरू कर दिया है.
08:59 PM IST