नया नहीं है HMPV वायरस, 24 सालों से रह रहा है भारत में, खुद सरकार ने कहा- 'डरने की कोई जरूरत नहीं'
Health Minister J.P.Nadda on HMPV: देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों की पुष्टि के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने बयान जारी किया है. जे.पी.नड्डा ने कहा कि ये वायरस साल 2001 से हैं.
Health Minister J.P.Nadda on HMPV: ICMR ने देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों की पुष्टि की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये जानकारी दी है. वैश्विक स्तर पर HMPV को सांस संबंधी बीमारी का कारण बनने वाले वायरस के रूप में जाना जाता है. हाल ही में चीन में इस वायरस के प्रकोप की खबर के बाद इसकी तरफ लोगों का ध्यान गया. भारत में मामले मिलने के बाद अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं. जे.पी.नड्डा ने कहा कि साल 2001 से यह वायरस दुनिया में हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- 'नया वायरस नहीं है HMPV'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने कहा, 'स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने साफ किया है कि एचएमपीवी (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है. इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है. एचएमपीवी हवा के जरिए, सांस लेने से फैलता है. यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है. यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में ज्यादा फैलता है. हाल ही में चीन में HMPV के मामलों की खबरों पर, स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों की स्थिति पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं.'
WHO ने लिया है संज्ञान, ICMR के सांस संबंधी डेटा की समीक्षा
बकौल जे.पी.नड्डा, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा. ICMR और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के पास सांस संबंधी वायरस का जो डेटा मौजूद है, उसकी भी समीक्षा की गई है और भारत में सांस संबंधी किसी भी सामान्य वायरस में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई है.4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई थी जिसमें स्थिति की समीक्षा की गई.'
छोटी-मोटी परेशानी से गंभीर बीमारियों का बन सकता है कारण
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जे.पी.नड्डा के मुताबिक, 'देश की स्वास्थ्य व्यवस्था और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है. चिंता की कोई बात नहीं है. हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.' आपको बता दें कि यह वायरस सांस से जुड़ी छोटी-मोटी परेशानी से लेकर गंभीर बीमारियों तक का कारण बन सकता है, खासकर छोटे बच्चों,बूढ़ों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में.
#WATCH | Union Health Minister JP Nadda says, "Health experts have clarified that #HMPV is not a new virus. It was first identified in 2001 and it has been circulating in the entire world since many years. HMPV spreads through air, by way of respiration. This can affect persons… pic.twitter.com/h1SSshe2iQ
— ANI (@ANI) January 6, 2025
HMPV के लक्षण
HMPV के लक्षणों की बात करें तो हल्के मामलों में आमतौर पर नाक बहना, गले में खराश, खांसी और बुखार का आना शामिल है, जो सामान्य सर्दी जैसा होता है. मध्यम लक्षणों में लगातार खांसी और थकान को शामिल किया जा सकता है. गंभीर मामलों में (विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों में) एचएमपीवी ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है.
09:04 PM IST