Nobel Prize 2021: डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स को मिला इकोनॉमिक्स का नोबेल पुरस्कार, जानिए क्या रही उपलब्धि
Nobel Prize 2021: नोबेल पुरस्कार 2021 में इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में तीन शिक्षाविदों को संयुक्त रूप से पुरस्कार देने की घोषणा हुई है.
Nobel Prize 2021: दुनिया के प्रतिष्ठित यूनीवर्सिटिज के तीन अमेरिकी शिक्षाविदों को आर्थिक परघटना (economic phenomenon), विशेष रूप से लेबर मार्केट और इसके डायनामिक्स के प्रभाव को समझने के लिए क्लिनिकल ट्रायल की तकनीकों को अपनाने में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
इन्हें मिला नोबेल
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज (Royal Swedish Academy of Sciences) ने घोषणा की कि अल्फ्रेड नोबेल 2021 (Alfred Nobel 2021) की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में सेवरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार (Sveriges Riksbank Prize), या अर्थशास्त्र नोबेल, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डेविड कार्ड (David Card), "लेबर इकोनॉमिक्स में उनके अनुभवजन्य योगदान (empirical contributions) के लिए" और जोशुआ डी एंग्रिस्ट (Joshua D. Angrist) और गुइडो डब्ल्यू इम्बेन्स (Guido W. Imbens) को "कैजुएल रिलेशनशिप के विश्लेषण में उनके पद्धतिगत योगदान के लिए" जाता है.
BREAKING NEWS:
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 11, 2021
The 2021 Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel has been awarded with one half to David Card and the other half jointly to Joshua D. Angrist and Guido W. Imbens.#NobelPrize pic.twitter.com/nkMjWai4Gn
कैसी बंटेगी राशि
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कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर 65 वर्षीय कार्ड को इनाम की राशि 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (1.14 मिलियन डॉलर) का आधा हिस्सा मिलेगा. जबकि बाकि का आधा मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में फोर्ड प्रोफेसर 61 वर्षीय एंग्रिस्ट और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एप्लाइड इकोनॉमेट्रिक्स प्रोफेसर 58 वर्षीय इम्बेन्स में बंटेगा.
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सोसाइटी के अनुसार, कारण और प्रभाव संबंध सामाजिक विज्ञान, विशेष रूप से अर्थशास्त्र में प्रमुख प्रश्नों को रेखांकित करता है, जैसे कि भविष्य की कमाई क्षमता पर शिक्षा पर प्रभाव. हालांकि, तीन पुरस्कार विजेताओं ने दिखाया है कि प्राकृतिक प्रयोगों का उपयोग करके इसी तरह के अन्य सवालों का जवाब देना संभव है.
अकादमी ने कहा कि पुरस्कार विजेताओं का दृष्टिकोण अन्य क्षेत्रों में फैल गया है और अनुभवजन्य अनुसंधान (empirical research) में क्रांतिकारी बदलाव आया है.
क्या रहा योगदान
कार्ड ने न्यूनतम मजदूरी, आप्रवास (immigration) और शिक्षा के लेबर मार्केट प्रभावों का विश्लेषण करने के लिए प्राकृतिक प्रयोगों का उपयोग किया है, और उनके 1990 के दशक के शुरुआती अध्ययनों ने पारंपरिक ज्ञान को चुनौती दी, जिससे नए विश्लेषण और अतिरिक्त अंतर्दृष्टि (additional insights) प्राप्त हुई.
एकेडमी ने एक बयान में कहा कि परिणामों ने दिखाया, अन्य बातों के अलावा, न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने से जरूरी नहीं कि कम नौकरियां हों. अब हम जानते हैं कि देश में पैदा हुए लोगों की आय नए इमिग्रेशन से लाभान्वित हो सकती है, जबकि पहले के समय में इमिग्रेसन करने वाले लोग जोखिम नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहा है. हमने यह भी महसूस किया है कि स्कूलों में संसाधन छात्रों के भविष्य के लेबर मार्केट की सफलता के लिए पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं.
हालांकि, यह नोट किया गया कि एक प्राकृतिक प्रयोग (natural experiment) के डेटा की व्याख्या करना मुश्किल है. शिक्षा का उदाहरण लेते हुए, यह देखा जा सकता है कि एक समूह के विभिन्न सदस्यों के लिए परिणाम भिन्न हो सकते हैं और यहां एंग्रिस्ट और इम्बेन्स आए, जिन्होंने 1990 के दशक के मध्य में, "इस पद्धतिगत समस्या को हल किया. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक प्रयोगों से कारण और प्रभाव के बारे में सटीक निष्कर्ष कैसे निकाले जा सकते हैं
09:20 PM IST