मोदी 2.0 से डर गया पाकिस्तान, पहले छोड़ी मिसाइल, फिर करने लगा शांति की बात
नतीजों से पहले दुनिया के कई देशों की नजर भारत चुनाव परिणामों पर थी. लेकिन, सबसे बड़ी टेंशन पड़ोसी मुल्क को थी. चुनाव भारत में हुआ लेकिन खलबली पाकिस्तान में देखने को मिली.
मोदी के सत्ता में आने से पाकिस्तान का सबसे बड़ा डर आर्थिक मोर्चे पर है. (फोटो: जी न्यूज)
मोदी के सत्ता में आने से पाकिस्तान का सबसे बड़ा डर आर्थिक मोर्चे पर है. (फोटो: जी न्यूज)
भारत के जनादेश ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को अपनाने के संकेत दे दिए हैं. रुझानों से साफ है कि केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी. नतीजों से पहले दुनिया के कई देशों की नजर भारत चुनाव परिणामों पर थी. लेकिन, सबसे बड़ी टेंशन पड़ोसी मुल्क को थी. चुनाव भारत में हुआ लेकिन खलबली पाकिस्तान में देखने को मिली. दरअसल, पाकिस्तान पहले से ही मान चुका था कि मोदी सरकार की वापसी हो रही है. यही वजह थी कि पाकिस्तानी मीडिया में बहस भी सिर्फ भारतीय चुनाव परिणामों के ईर्द-गिर्द हुई. पाकिस्तानी मीडिया में बैठे ज्यादातर एक्सपर्ट मान रहे थे कि मोदी सरकार की वापसी होगी और यही पाकिस्तान की सबसे बड़ी टेंशन है.
आर्थिक मोर्चे पर भी चिंता
मोदी के सत्ता में आने से पाकिस्तान का सबसे बड़ा डर आर्थिक मोर्चे पर है. दरअसल, पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था के हालात पहले ही खराब हैं. पाकिस्तानी मीडिया में वहां के इकोनॉमिस्ट आशंका जता चुके हैं कि मोदी के आने से अर्थव्यवस्था को और चोट पहुंच सकती है. भारत पहले ही पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन चुका है. वहीं, अब मोदी FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के जरिए पाकिस्तान की आर्थिक घेराबंदी कर दबाव बना सकते हैं.
डर से किया मिसाइल परीक्षण
पाकिस्तान खुद का डर जाहिर नहीं होने देना चाहता. यही वजह है कि एक तरफ भारत में रुझान आ रहे थे और दूसरी पाकिस्तान अपना मिसाइल परीक्षण कर रहा था. शाहीन-2 मिसाइल का परीक्षण कर पाकिस्तान अपने डर को छुपाने की कोशिश में था. ऐसा इसलिए क्योंकि, मिसाइल परीक्षण के बाद पाकिस्तानी सेना ने बयान भी जारी किया. उसने कहा है कि यह मिसाइल उसकी जरूरतों को पूरा करती है, ताकि क्षेत्र में कोई उसकी तरफ आंख उठा कर न देख सके.
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शांति वार्ता की अपील
उधर, पाकिस्तान की सरकार की ओर से यह इशारा मिला है कि वह शांति वार्ता के लिए तैयार है. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, मोदी की सत्ता में वापसी होते देख पाकिस्तान ने कहा है कि वह दोनों देश के बीच शांति वार्ता के लिए तैयार है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी कहा है कि वह भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते हैं. साथ ही तनावपूर्ण मुद्दों को आपसी बातचीत से सुलझाना चाहते हैं.
क्यों डर रहा है पाकिस्तान
बालाकोट में आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के खौफ से पाकिस्तान अभी भी उबर नहीं पाया है. एयर स्ट्राइक के 75 दिन बाद भी उसे अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों की सुरक्षा की चिंता खाए जा रही है. आतंकवाद के खिलाफ मोदी की ठोस नीति और आने वाले समय में और सख्त कदम उठाने की उम्मीद है. ऐसे में पाकिस्तान खुद के लिए मोदी का आना अच्छा नहीं मान रहा है.
कश्मीर मुद्दा सुलझाने की मांग
कश्मीर मुद्दे को लेकर भी पाकिस्तान हमेशा चर्चा की बात करता है. लेकिन, कभी आगे नहीं आया. मोदी की सत्ता में वापसी के साथ ही ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सयैद अली गिलानी ने यूनाइटेड नेशंस से मांग की है कि कश्मीर मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाया जाए. गिलानी ने कहा यह यूएन का नैतिक और राजनीतिक दायित्व है कि वह कश्मीर विवाद को जल्द से जल्द सुलझाए और अंतिम निपटारे तक कश्मीरियों को स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीने का अधिकार सुनिश्चित करे.
04:08 PM IST