World Rose Day 2023: कैंसर सर्वाइवर्स को खुशियां और उम्मीदें देने वाला दिन है ये, 12 साल की बच्ची से जुड़ा है इसका इतिहास
World Rose Day को Day for the Welfare of Cancer Patients के नाम से भी जाना जाता है. ये दिन कैंसर के मरीजों को समर्पित है. इस दिन उन्हें गुलाब का फूल देकर उनका हौसला बढ़ाया जाता है.
Images Source- Freepik
Images Source- Freepik
Rose Day सुनकर ज्यादातर लोगों को वैलेंटाइन वीक याद आ जाता है क्योंकि उस वीक की शुरुआत ही रोज़ डे के साथ होती है. लेकिन दुनिया में हर साल 22 सितंबर को भी विश्व गुलाब दिवस (World Rose Day) मनाया जाता है, ये बात बहुत कम लोग ही जानते हैं. ये दिन कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खास है. ये दिन उनके जज्बे को सलाम करने का दिन है, उन्हें नई उम्मीद देने का दिन है. इस दिन कैंसर पीड़ितों को गुलाब का फूल दिया जाता है. रोज़ डे को Day for the Welfare of Cancer Patients के नाम से भी जाना जाता है. आइए आपको बताते हैं World Rose Day से जुड़ी खास बातें.
कैसे हुई इस दिन की शुरुआत
World Rose Day का इतिहास 12 साल की एक लड़की से जुड़ा है. कनाडा की रहने वाली इस बच्ची का नाम मेलिंडा था. 1994 की बात है जब मेलिंडा को ब्लड कैंसर हो गया. उस समय कैंसर के इलाज के वो साधन नहीं थे, जो आज मिल जाते हैं. उनकी हालत को देखकर डॉक्टर्स ने कहा कि वो मुश्किल से एक हफ्ते ही जी पाएंगी. लेकिन मेलिंडा पर डॉक्टर्स की बात का कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने जीवन जीने की उम्मीद नहीं छोड़ी. मेलिंडा की हिम्मत और मजबूत इरादों ने डॉक्टरों को गलत साबित कर दिया. अपनी हिम्मत के बूते पर मेलिंडा 6 महीनों तक जिंदा रहीं.
इस बीच वे अपनी तरह कई कैंसर रोगियों से मिला करती थीं और उनके साथ समय बिताकर उनके चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास करती थीं. उन्हें बीमारी से बहादुरी से लड़ने की हिम्मत देती थीं. जीवित रहते हुए उन्होंने कई कविताएं और पत्र लिखे. वो जब कैंसर पेशेंट्स से मिलती थीं तो उन्हें अक्सर Rose दिया करती थीं. कहा जाता है कि 22 सितंबर को ही मेलिंडा ने दुनिया को अलविदा कहा. उनकी याद में हर साल 22 सितंबर को World Rose Day के तौर पर मनाया जाने लगा.
World Rose Day का महत्व
TRENDING NOW
कैंसर बेहद खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं. न जाने कितने मरीज इस बीमारी के चलते दम तोड़ देते हैं. Rose Day के दिन कैंसर पेशेंट्स को गुलाब देकर उनके चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास किया जाता है. उन्हें इस बीमारी से लड़ने का हौसला दिया जाता है और जीने की नई उम्मीद दी जाती है. ये बताया जाता है कि कैंसर जीवन का अंत नहीं है. उनकी जिंदगी भी गुलाब की तरह फिर से खिल सकती है. अगर आपके आसपास भी कोई कैंसर का पेशेंट है, तो उनके लिए कुछ ऐसा जरूर कीजिए, जिससे उनके चेहरे पर मुस्कान आ सके.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
07:45 AM IST