स्मार्टफोन के बाद अब मिलेंगे मेड इन इंडिया लैपटॉप, केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने किया नई असेंबली लाइन का उद्घाटन
चेन्नई में अश्विनी वैष्णव ने किया भारतीय कंपनी सिरमा एसजीएस की आधुनिक लैपटॉप फैक्ट्री का उद्घाटन किया है. PLI 2.0 योजना के 18 महीने के भीतर ही तमिलनाडु में पहली यूनिट शुरू; अब भारत में बनेंगे 'मेड इन इंडिया' लैपटॉप.
शुरुआत में, इस नई असेंबली लाइन में हर साल 1 लाख लैपटॉप बनाए जाएंगे. अगले 1-2 सालों में इसकी क्षमता बढ़ाकर 10 लाख लैपटॉप प्रति वर्ष की जा सकती है. सिरमा एसजीएस के चेन्नई में पहले से ही चार कारखाने हैं, और अब उनके तीसरे कारखाने में लैपटॉप बनना शुरू हो जाएगा. उद्घाटन के मौके पर, अश्विनी वैष्णव ने कहा, "हमें पूरी मेहनत से यह देखना होगा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के पुर्जे बनाने का काम भी भारत में ही हो. इससे न सिर्फ भारत की तरक्की होगी, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' का सपना भी पूरा होगा."
असेंबली लाइन की मुख्य बातें
विदेशी कंपनी के साथ साझेदारी: सिरमा एसजीएस ने ताइवान की जानी-मानी कंपनी माइक्रो-स्टार इंटरनेशनल (MSI) के साथ मिलकर भारत में उच्च गुणवत्ता वाले लैपटॉप बनाने की योजना बनाई है। ये लैपटॉप भारत और दुनिया भर के बाजारों में बेचे जाएंगे.
रोजगार के अवसर: इस कारखाने से 2026 तक इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने के क्षेत्र में 150-200 लोगों को नौकरियां मिलने की उम्मीद है। इससे तमिलनाडु और पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.
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दुनिया के बराबर क्वालिटी: यहां बनने वाले लैपटॉप दुनिया भर के क्वालिटी स्टैंडर्ड के बराबर होंगे, जो दिखाता है कि भारत इस क्षेत्र में कितना आगे बढ़ चुका है.
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने का बढ़ता क्षेत्र
पिछले दस सालों में, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने का काम बहुत तेज़ी से बढ़ा है. 2014 में कुल उत्पादन 2.4 लाख करोड़ रुपये का था, जो 2024 में बढ़कर 9.8 लाख करोड़ रुपये हो गया. मोबाइल फोन बनाने का काम ही 4.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, और 2024 में 1.5 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन भारत से बाहर भेजे गए. भारत में इस्तेमाल होने वाले 98% मोबाइल फोन अब भारत में ही बनते हैं, और स्मार्टफोन भारत से निर्यात होने वाली चौथी सबसे बड़ी वस्तु बन गए हैं.
PLI 2.0 के तहत 27 में सात इकाई तमिलनाडु में
तमिलनाडु में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की विभिन्न योजनाओं के तहत 47 से अधिक कारखाने काम कर रहे हैं. यह राज्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी है. PLI 2.0 के तहत स्वीकृत 27 इकाइयों में से सात तमिलनाडु में हैं. इस पहल की पहली इकाई का उद्घाटन कल हुआ. सिरमा एसजीएस की लैपटॉप असेंबली लाइन का उद्घाटन भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत है. इससे विदेशों से आयात पर निर्भरता कम होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भारत दुनिया भर में उच्च गुणवत्ता वाले सामान बनाने में आगे बढ़ेगा.
04:40 PM IST