World Hypertension Day 2023: प्रीमैच्योर डेथ का बड़ा कारण है हाई बीपी, आपको दिखें ये लक्षण तो हो जाइए सावधान!
World High BP Day- हाई बीपी की समस्या के दौरान जो भी दिक्कतें होती हैं, लोग उन्हें आम परेशानी मान लेते हैं और लापरवाही कर जाते हैं. यही लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ती है. यहां जानिए हाई बीपी के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.
Image- Freepik
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पिछले कुछ समय से दुनियाभर में हाई बीपी (High BP) के मरीज तेजी से बढ़े हैं. खासतौर पर युवा इस समस्या का शिकार हुए हैं. हैरानी की बात तो ये है कि हाई बीपी से जूझ रहे तमाम लोगों को ये अंदाजा भी नहीं है कि वो इस बीमारी की गिरफ्त में आ चुके हैं. हाई बीपी एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति को मौत की ओर बहुत चुपके से धकेल सकती है. इसीलिए इसे साइलेंट किलर माना जाता है. डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक हाई बीपी दुनियाभर में प्रीमैच्योर डेथ (Premature Death) का बड़ा कारण है.
हाई ब्लड प्रेशर के कोई सटीक लक्षण नहीं हैं. इस समस्या के दौरान जो भी दिक्कतें होती हैं, वो कई बार लोग आम परेशानी मान लेते हैं और लापरवाही कर जाते हैं. यही लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ती है. हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) के तौर पर मनाया जाता है. आइए आज आपको बताते हैं इस बीमारी से जुड़ी तमाम जरूरी बातें.
इन लक्षणों से हो जाएं अलर्ट
- तेज सिरदर्द
- छाती में दर्द
- चक्कर आना
- सांस लेने में दिक्क्त
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- धुंधली दृष्टि या अन्य दृष्टि परिवर्तन
- कानों में गूंजने की आवाज
- नकसीर फूटना
- असामान्य हृदय गति
हाई बीपी की वजह
हाई बीपी की बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और तनाव को माना गया है. तेज नमक का सेवन भी हाई बीपी की समस्या के बड़े कारणों में से एक है. दरअसल जरूरत से ज्यादा नमक खाने से शरीर में सोडियम बढ़ता है और सोडियम हाई बीपी के रिस्क को बढ़ाता है. इसके अलावा गरिष्ठ और चिकनाईयुक्त चीजें, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू और शराब का की आदत, मोटापा, फैमिली हिस्ट्री, डायबिटीज आदि भी इसकी वजहों में से एक हैं.
क्यों खतरनाक माना जाता है हाई ब्लड प्रेशर
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हाई बीपी की समस्या हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी सीरियस मेडिकल कंडीशन की वजह बन सकती है. कई बार इन स्थितियों में मरीज की जान भी चली जाती है. इसके अलावा ये किडनी फेल्योर, मल्टी ऑर्गन फेल्योर, अंधेपन जैसी गंभीर स्थितियां भी पैदा कर सकता है. इसलिए हाई बीपी की समय से पहचान कर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि इस समस्या को नियंत्रित रखा जा सके.
क्या कहते हैं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े
- दुनिया भर में 30-79 वर्ष की आयु के करीब 1.28 बिलियन वयस्क हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं.
- करीब 46 प्रतिशत लोग इस बात से अनजान हैं कि वो हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं.
- आधे से भी कम यानी करीब 42% हाई बीपी के मरीजों की समस्या का उपचार किया जाता है और 5 में से 1 मरीज ने इस समस्या को नियंत्रित रखा है.
- दुनियाभर में हाई बीपी प्रीमैच्योर डेथ का एक बड़ा कारण है.
हाई बीपी से बचाव के तरीके
- नमक संतुलित मात्रा में खाएं. खाने में, फलों आदि में ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत को छोड़ें.
- गरिष्ठ और चिकनाईयुक्त भोजन, जंकफूड, फास्टफूड, प्रोसेस्ड मीट, पैकेट बंद चीजें आदि को खाने से परहेज करें.
- नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे.
- योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई बीपी की वजह माना जाता है.
- फल, हरी सब्जियां, सलाद, जूस आदि हेल्दी चीजों को डाइट में शामिल करें.
- अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें.
- अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं.
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