Ratan Tata Death: रतन टाटा के 5 ऐसे काम जिसके लिए देश हमेशा रहेगा शुक्रगुजार
Ratan Tata Demise: अपने जीवन में रतन टाटा ने कई ऐसे काम किए जो लोगों को न सिर्फ दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देते हैं, बल्कि उनके लिए ये पूरा देश रतन टाटा का शुक्रगुजार है. यहां जानिए ऐसे 5 कामों के बारे में-
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार की रात निधन हो गया. 86 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा सिर्फ एक सफल उद्योगपति ही नहीं थे, बल्कि लोगों के लिए आदर्श भी थे. उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर है. अपने जीवन में रतन टाटा ने कई ऐसे काम किए जो लोगों को न सिर्फ दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देते हैं, बल्कि उनके लिए ये पूरा देश रतन टाटा का शुक्रगुजार है. यहां जानिए ऐसे 5 कामों के बारे में-
कोरोना काल में बने मसीहा
कोरोना काल भला कोई कैसे भूल सकता है. उस महामारी के समय में जब पूरा देश संकट में था, उस समय रतन टाटा देश की मदद के लिए आगे बढ़े और उन्होंने 500 करोड़ रुपए की देश को सहायता दी थी.
बेजुबानों के लिए खोला अस्पताल
रतन टाटा को जानवरों से बहुत प्यार था. खासतौर पर कुत्तों से उन्हें विशेष लगाव था. सोशल मीडिया पर वो डॉग्स की मदद के लिए आए दिन पोस्ट डालते रहते थे. कुछ समय पहले ही उन्होंने कुत्तों के लिए नवी मुंबई में 5 मंजिला एक अस्पताल खुलवाया था. इस अस्पताल में 200 कुत्तों का एक साथ इलाज किया जा सकता है. इतना ही नहीं, उन्होंने कुत्तों के लिए टाटा ग्रुप के ग्लोबल हेडक्वाटर में एक लग्जरी हाउस भी बनवाया था.
आम लोगों के लिए सबसे सस्ती कार
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साधारण सैलरी पाने वाले लोग भी कार खरीद सकें, इसके लिए वो साल 2008 में नैनो कार लेकर आए थे. इस कार की कीमत मात्र 1,00,000 रुपए रखी गई थी. इससे पहले 1998 में उन्होंने टाटा इंडिका कार लॉन्च की थी, जो पूरी तरह से स्वदेशी कार थी. इंडिका की लॉन्चिंग से पहले टाटा ग्रुप को सिर्फ बड़ी कार बनाने के लिए जाना जाता था.
कैंसर के मरीजों के लिए खुलवाया अस्पताल
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से भी रतन टाटा की यादें जुड़ी हुई हैं. साल 2019 में रतन टाटा ने न केवल काशी, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के कैंसर मरीजों की जान बचाने को लेकर बहुत बड़ी सौगात दी. उन्होंने वहां महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र खुलवाया. 350 बेड का महामना कैंसर संस्थान पूर्वोत्तर भारत में अपने ढंग का इकलौता हॉस्पिटल है. 10 महीने के रेकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुए इस संस्थान को इलाज के लिए खोलने के क्रम में इसके निर्माण में लगे 1800 श्रमिकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. इन्हें टाटा अस्पताल में मुफ्त उपचार के लिए 'काशी कवच कार्ड' भी दिया गया था.
तकनीक के क्षेत्र में योगदान
टाटा ग्रुप में कई कंपनियां हैं, लेकिन जब इनका नाम लिया जाता है तो उसमें TCS का नाम जरूर शामिल होता है. टीसीएस दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा देने वाली कंपनियों में से एक है. इस कंपनी ने न सिर्फ तकनीक के क्षेत्र में अहम योगदान दिया, बल्कि बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन भी किया.
11:25 AM IST