35 की उम्र के बाद हर महिला के लिए जरूरी हो जाते हैं ये 5 मेडिकल टेस्ट, सेहत को रखना है दुरुस्त तो समझ लें ये जरूरी बात
तमाम जिम्मेदारियों के चलते अक्सर महिलाएं खुद का खयाल नहीं रख पातीं, इस कारण से समय से पहले ही उन्हें तमाम बीमारियां घेरने लगती हैं. मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कुछ जांचें 35 की उम्र के बाद हर महिला को समय-समय पर कराते रहना चाहिए ताकि किसी भी समस्या को समय रहते बढ़ने से रोका जा सके.
सेहत के मामले में महिलाएं अक्सर खुद के साथ लापरवाही कर बैठती हैं. घरेलू महिलाएं परिवार और बच्चों की देखरेख में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें अपना खयाल रखने का समय ही नहीं मिल पाता. वहीं जो महिलाएं घर और ऑफिस, दोनों लाइफ को एक साथ मैनेज कर रही हैं, उनके लिए खुद का खयाल रख पाना और भी मुश्किल हो जाता है. इस लापरवाही के चक्कर में वो कम उम्र से ही खुद के लिए तमाम समस्याओं को न्योता दे देती हैं. इससे बचने के लिए महिलाओं को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, साथ ही 35 की उम्र के बाद 5 टेस्ट समय-समय पर जरूर करवाने चाहिए, ताकि किसी भी समस्या को समय रहते बढ़ने से रोका जा सके.
डायबिटीज
महिलाओं में मोटापा एक बड़ी समस्या है. मोटापे को बीमारियों का घर कहा जाता है. ऐसे में सबसे ज्यादा रिस्क डायबिटीज का बढ़ जाता है. अगर फैमिली हिस्ट्री रही है, तो रिस्क और भी ज्यादा होता है. इसलिए 30 के बाद महिलाओं को बचाव के तौर पर डायबिटीज का टेस्ट समय-समय पर जरूर कराना चाहिए. साथ ही नियमित वॉक और थोड़ा वर्कआउट करना चाहिए ताकि इस बीमारी के रिस्क से बच सकें.
लिपिड प्रोफाइल
इस टेस्ट के जरिए कोलेस्ट्रॉल का पता लगाया जाता है. गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी न होने के कारण महिलाओं का मोटापा तेजी से बढ़ता है. इसके कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की भी आशंका होती है. कोलेस्ट्रॉल हार्ट से जुड़ी तमाम बीमारियों की वजह बन सकता है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल की जांच 30 के बाद सिर्फ महिला ही नहीं, बल्कि सभी के लिए जरूरी है.
सीबीसी
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सीबीसी यानी कंप्लीट ब्लड काउंट. सेहत के प्रति लापरवाही बरतने और हर माह पीरियड होने के कारण ज्यादातर महिलाओं के शरीर में खून की कमी हो जाती है. ध्यान न देने पर ये समस्या एनीमिया का रूप ले लेती है. इस स्थिति से बचने के लिए विशेषज्ञ समय-समय पर महिलाओं को कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं. ये एक ब्लड टेस्ट है जिसके जरिए लाल रक्त कोशिकाओं (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC), हीमोग्लोबिन, हेमटोक्रिट (Hct) और प्लेटलेट्स आदि की जानकारी मिल जाती है.
थायरॉयड
ये भी आजकल की लाइफस्टाइल डिजीज है और ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है. थायरॉयड के कारण शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन होता है और कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं. ज्यादातर ये समस्या 30 के आसपास ही महिलाओं को घेरती है. ऐसे में इससे बचाव के लिए समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए.
पैप स्मीयर
अगर फैमिली में ब्रेस्ट या सर्वाइकल कैंसर की फैमिली हिस्ट्री रही है, तो महिलाओं को 30 के बाद मेमोग्राम और पैप स्मीयर टेस्ट डॉक्टर की सलाह लेकर करवाना चाहिए. ताकि इस घातक बीमारी से बचाव किया जा सके. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़े हैं.
नोट- ये जानकारी सामान्य रूप से सजग और सतर्क रहने के लिए दी गई है. Zee Business इसकी पुष्टि नहीं करता.
04:50 PM IST