Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के वो विचार जो आज भी बड़ी सीख देते हैं…
Lal Bahadur Shastri Anmol Vichar: 11 जनवरी 1966 में लाल बहादुर शास्त्री का रहस्यमय तरीके से निधन हो गया. आज उनकी पुण्य तिथि के मौके पर जानते हैं उनके वो अनमोल विचार जो आज भी लोगों को बड़ी सीख देते हैं.
Lal Bahadur Shastri Teachings and Quotes: लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे. वे एक ऐसे नेता थे, जिन्हें हर कोई पसंद करता था. बतौर प्रधानमंत्री 18 महीने के कार्यकाल में उन्होंने इतना कुछ किया, जिसकी चर्चा आज भी की जाती है. भारत-पाकिस्तान का युद्ध उन्हीं के कार्यकाल के दौरान हुआ, जिसमें पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली. वहीं अनाज के संकट की चुनौती होते हुए भी देश के मान से उन्होंने देशवासियों को कोई समझौता नहीं करने दिया.
देशप्रेम की भावना के साथ साधारण जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने ही 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया था. 11 जनवरी 1966 में उनका रहस्यमय तरीके से निधन हो गया. लाल बहादुर शास्त्री का पूरा जीवन देश के लिए समर्पित था और लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहा है. आज उनकी पुण्य तिथि (Lal Bahadur Shastri Death Anniversary) के मौके पर जानते हैं उनके वो अनमोल विचार जो आज भी लोगों को बड़ी सीख देते हैं.
लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार (Lal Bahadur Shastri Inspirational Quotes in Hindi)
- हम केवल दुनिया में केवल तभी सम्मान पा सकते हैं अगर हम आंतरिक रूप से मजबूत हैं और हमारे देश से गरीबी और बेरोजगारी को खत्म कर दें.
- देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा.
- हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं.
- हर कार्य की अपनी एक गरिमा है और हर कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष प्राप्त होता है.
- उसकी जाति, रंग या नस्ल जो भी हो, हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा में और उसके बेहतर, संपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उसके अधिकार पर विश्वास करते हैं.
- हमें उन कठिनाइयों पर विजय पानी है जो हमारे सामने आती हैं और हमारे देश की खुशी और समृद्धि के लिए दृढ़ता से काम करना चाहिए.
- कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने
- सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसक साधनों से नहीं आ सकते हैं.
- अगर एक आदमी भी बोल दे की वो छुआछूत से पीड़ित से तो भारत को शर्म से सर झुका देना चाहिए.