Chandrayaan-3 के बाद ISRO कर रहा है इन ग्रहों पर जाने की तैयारी, Aditya-L1 के अलावा लिस्ट में हैं इतने मिशन
Chandrayaan-3 की कामयाबी सिर्फ शुरुआत है. इसरो के पास ऐसे तमाम मिशन हैं जिनके जरिए वो भविष्य में तमाम ग्रहों के रहस्यों को उजागर करने की प्लानिंग कर रहा है. यहां जानिए इनके बारे में.
Image- Freepik
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Chandrayaan-3 के जरिए ISRO चांद को तो फतह कर चुका है. लेकिन चांद पर ये जीत उसकी सिर्फ शुरुआत है. इसके बाद कई बड़े मिशन इसरो की लिस्ट में शामिल हैं, जिनमें से कुछ का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भी किया. इसरो की इस उपलब्धि के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आदित्य-एल1, गगनयान के साथ-साथ शुक्र पर जाने की बात कही थी. आइए आपको बताते हैं कि आने वाले समय में इसरो के कौन-कौन से मिशन सामने आ सकते हैं.
आदित्य-L1
पहले बाद Aditya-L1 की क्योंकि चांद से दोस्ती के बाद अब इसरो 'सूर्य नमस्कार' की तैयारी कर रहा है. आदित्य-एल1 के जरिए इसरो सूर्य की स्टडी की तैयारी कर रहा है. सितंबर 2015 में इसके लॉन्च होने की उम्मीद है. 2015 में इसरो ने एस्ट्रोसैट लॉन्च किया था और आदित्य एल-1 भारत का दूसरा एस्ट्रोनॉमी मिशन होगा. आदित्य एल-1 को पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा और यह चंद्रयान मिशन की तरह ही होगा. इस मिशन में सात पेलोड होंगे. इस मिशन के जरिए सूर्य की गतिविधियों को समझने में ज्यादा आसानी रहेगी.
मंगलयान-2
मंगलयान-1 की सफलता के बाद से इसरो की ओर से मंगलयान-2 यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 की भी तैयारी की जा रही है. इस मिशन में ऑर्बिटर को मंगल ग्रह की और पास की ऑर्बिट में भेजा जाएगा.और मंगल से जुड़ी जानकारियों को जुटाया जाएगा. इससे पहले मंगलयान-1 मिशन अब तक का सबसे किफायती मंगल मिशन था. लॉन्च व्हीकल, स्पेसक्राफ्ट और ग्राउंड सेग्मेंट की लागत 450 करोड़ रुपए आई थी.
शुक्र मिशन
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शुक्र ग्रह से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए इसरो शुक्र मिशन की भी तैयारी कर रहा है. इसमें शुक्र की सतह और वातावरण का अध्ययन करने के लिए एक ऑर्बिटर भेजा जाएगा. इसकी लॉन्चिंग की सटीक जानकारी नहीं है. हालांकि भारत का ये मिशन 2024 के लिए नियोजित बताया जाता है.
गगनयान
गगनयान मिशन मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रारंभिक चरण होगा. इस मिशन के तीन चरण होंगे जिसमें दो बार मानवरहित उड़ानें और एक उड़ान में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. गगनयान मिशन 2022 में लॉन्च हो जाना था, लेकिन देरी से चल रहा है. इसरो इस मिशन की तैयारियों में जुटा है. साल 2024 या 2025 तक इसके लॉन्च होने की उम्मीद है. अगले साल की शुरुआत में इसरो पहला मानवरहित फ्लाइट टेस्ट कर सकता है. इस यान को व्योममित्र नाम दिया गया है.
क्लाइमेट ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट
इसरो जल्द ही क्लाइमेट ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट -इनसैट-3डीएस भी लॉन्च करने वाला है. इसकी तैयारियां अंतिम चरण में बताई जाती हैं. इसके अलावा आने वाले महीनों में कुछ रक्षा और पर्यावरणीय अध्ययन के सैटेलाइट्स भी लॉन्च होने वाले हैं.
निसार
इस मिशन में इसरो और नासा मिलकर पृथ्वी के बदलते इकोसिस्टम की स्टडी करेंगे. इसके लिए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को नासा और इसरो मिलकर विकसित कर रहे हैं. इसके जरिए ज्वालामुखियों, ग्लेशियर के पिघलने की दर, पृथ्वी की सतह पर होने वाले बदलावों का अध्ययन किया जाएगा. अगले साल इस मिशन के लॉन्च होने की उम्मीद है.
स्पेडेक्स
भविष्य में भारत अगर अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन बनाता है, तो उसे स्पेस डॉक की जरूरत होगी. इसके लिए स्वदेशी स्पेडेक्स बनाया जा रहा है. स्पेस में स्टेशन बनाने से पहले दो उपग्रहों को आपस में जोड़ने की क्षमता हासिल करना जरूरी होता है. इसी को स्पेस डॉकिंग कहा जाता है.
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09:39 AM IST