Good Friday 2024 Date in India: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन को ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. हर साल ईस्‍टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे होता होता है. इस साल ईस्‍टर संडे 31 मार्च को है. ऐसे में गुड फ्राइडे 29 मार्च को मनाया जाएगा. माना जाता है कि इसी दिन ईसाह मसीह यानी यीशू को तमाम यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. आइए आपको बताते हैं कि इस दिन को Good Friday क्‍यों कहा जाता है और इस दिन का क्‍या महत्‍व है?

क्‍या है गुड फ्राइडे का महत्‍व

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ईसाई धर्म को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे को प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के तौर पर याद करते हैं. ये दिन उनके लिए बहुत मायने रखता है. इस दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं. तमाम लोग यीशू के लिए उपवास भी रखते हैं. उपवास को करने के बाद मीठी रोटी बनाकर खाई जाती है. इस‍ दिन मंदिर में घंटे की बजाय लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं. लोग दान-पुण्‍य वगैरह करते हैं और बढ़चढ़कर अच्‍छे काम करते हैं. साथ ही इस दिन प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण किया जाता है.

बलिदान का ये दिन क्‍यों कहलाता है गुड फ्राइडे

ईसाह मसीह को ईसाई समुदाय में ईश्वर का बेटा कहा जाता है. माना जाता है कि उनका जन्‍म ही इस धरती पर अज्ञानता को दूर करने के लिए हुआ था. इसलिए जब पिलातुस ने ईसाह मसीह पर तमाम अत्याचार करवाए तो वे सब सहते रहे और जब उन्‍हें सूली पर लटकाने का आदेश दिया गया, तब भी उन्‍होंने ईश्‍वर से प्रार्थना की थी  कि इन लोगों ने अज्ञानतावश जो भी गुनाह किए हैं, उन्‍हें क्षमा करें. यीशू ने प्रेम की पराकाष्‍ठा का उदाहरण पेश करते हुए हंसते हुए सूली पर चढ़ना स्‍वीकार कर लिया, जबकि वो स्‍वयं में इतने शक्तिशाली थे कि अगर चाहते तो उन लोगों को उनके गुनाह की सजा दे सकते थे. 

उनकी क्षमताओं को इस बात से समझा जा सकता है कि वो इस कुर्बानी के ठीक तीन दिनों बाद ही फिर से जीवित हो गए थे. इस दिन को यीशू की नेक मंशा, महानता, उनके त्‍याग और प्रेम की पराकाष्‍ठा के उदाहरण के तौर पर देखा जाता है और इसलिए इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है और जिस दिन यीशू जिंदा हुए, उस दिन को ईस्‍टर संडे कहा जाता है.