The Kashmir Files: फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के मुद्दे पर एक फिल्म बनाई, जिसे बॉक्स ऑफिस पर काफी सफलता भी मिली. इसे लेकर इजराइल के डायरेक्टर औऱ IFFI के इंटरनेशनल ज्यूरी अध्यक्ष नादव लपिड (Nadav Lapid) ने जो टिप्पणी की, उसे लेकर वह विवादों में घिर गएं. लपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को एक प्रोपेगेंडा और वल्गर फिल्म बताया. Lapid के इस बयान के बाद IFFI ज्यूरी ने इस बयान को Nadav Lapid का निजी बयान बताते हुए इससे किनारा कर लिया. भारत में इज़राइल के राजदूत नौर गिलोन (Naor Gilon) ने कहा कि नादव लपिड को शर्म आना चाहिए.

लपिड के बयान की हुई निंदा

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'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को लेकर की गई लपिड की टिप्पणी पर भाजपा नेता, सिनेमा जगत से अनुपम खेर (Anupam Kher), रणवीर शौरी समेत फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी निंदा की. वहीं कुछ लोगों ने इसे लेकर फिल्म और फिल्म के निर्देशक की आलोचना भी की.

अनुपम खेर ने लपिड की टिप्पणी पर कहा, "'कश्मीर फ़ाइल्स' का सच कुछ लोगो के गले में एक काँटे की तरह अटक गया है. वो ना उसे निगल पा रहे है ना उगल! इस सच को झूठा साबित करने के लिए उनकी आत्मा,जो मर चुकी है, बुरी तरह से छटपटा रही है, पर हमारी ये फ़िल्म अब एक आंदोलन है फ़िल्म नहीं. तुच्छ #Toolkit गैंग वाले लाख कोशिश करते रहें."

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भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण के समापन समारोह के दौरान लपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को लेकर यह टिप्पणी की. इसमें भारत के सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) के साथ-साथ बॉलीवुड से अक्षय कुमार और आशा पारेख भी शामिल हुए. 

Schindler's List से की फिल्म की तुलना

फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की तुलना स्टीवन स्पीलबर्ग के होलोकॉस्ट एपिक 'शिंडलर्स लिस्ट' से की है, जो 1990 के दशक की शुरुआत में उग्रवाद के कारण घाटी से कश्मीर पंडितों के पलायन को चित्रित करता है.

लपिड ने किया अध्यक्ष पद का गलत इस्तेमाल

भारत में इज़राइल के राजदूत नौर गिलोन (Naor Gilon) ने लपिड के बयान पर ट्वीट कर एक ओपेन लेटर लिखा. उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से ऐसे बयानों की निंदा करता हूं. इसका कोई औचित्य नहीं है. यह कश्मीर मुद्दे की संवेदनशीलता को यहां दर्शाता है. 

 

उन्होंने आगे कहा कि लपिड, जिन्हें एक एंटी इस्टेब्लिसमेंट डायरेक्टर के रूप में जाना जाता है, को शर्मिंदा होना चाहिए. क्योंकि उन्होंने ज्यूरी पैनल का अध्यक्ष बनने के भारत के निमंत्रण का सबसे खराब तरीके से इस्तेमाल किया है. 

ज्यूरी ने किया बयान से किनारा

भारतीय फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन (Sudipto Sen), जो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म जूरी का हिस्सा थे, ने लैपिड के बयान से खुद को और अन्य सदस्यों को अलग कर लिया है. सेन ने ट्विटर पर एक नोट शेयर कर लिखा, "53वें IFFI के समापन समारोह के मंच से फिल्म कश्मीर फाइल्स के बारे में IFFI 2022 जूरी के अध्यक्ष नादव लपिड (Nadav Lapid) ने जो कुछ भी कहा है, वह पूरी तरह से उनकी निजी राय थी." 

सेन ने कहा कि उन्होंने और अन्य ज्यूरी सदस्यों, जिनमें स्पेनिश वृत्तचित्र फिल्म निर्माता जेवियर अंगुलो बारटुरेन (Javier Angulo Barturen) और फ्रांसीसी फिल्म संपादक पास्कल चावांस (Pascale Chavance) शामिल हैं, ने अपनी 'पसंद या नापसंद' के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया लपिड द्वारा की गई टिप्पणियां उनकी "व्यक्तिगत क्षमता" में की गई थीं.