Delhi Air Pollution: हर दिन 25 से 30 सिगरेट पीने के बराबर है दिल्ली-एनसीआर की हवा, जानिए क्या कहना है एक्सपर्ट का
मेदांता अस्पताल के सीनियर लंग स्पेशियलिस्ट डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि प्रदूषित हवा का सीधा असर हमारे फेफड़ों पर हो रहा है. एक नवजात जो मां के गर्भ में है, वो भी इस दूषित हवा से सुरक्षित नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर की हवा इस समय प्रदूषण के कारण जहरीली हो गई है. AQI तमाम जगहों पर 500 के करीब पहुंच रहा है, जिसे बेहद गंभीर माना जाता है. आसमान में धुंध इस कदर छाई है कि सामने दिन में धूप भी खुलकर जमीन तक नहीं पहुंचती. इस प्रदूषित हवा का सीधा असर हमारे फेफड़ों पर हो रहा है. एक नवजात जो मां के गर्भ में है, वो भी इस दूषित हवा से सुरक्षित नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि इस मामले में क्या कहना है मेदांता अस्पताल के सीनियर लंग स्पेशियलिस्ट डॉ. अरविंद कुमार का.
नवजात भी नुकसान से अछूता नहीं
वायु प्रदूषण को लेकर डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि इस वायु प्रदूषण से सभी आयु वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं. यहां तक कि एक बच्चा जो अपने मां के गर्भ में है, जो इस वातावरण में सीधेतौर पर सांस भी नहीं ले रहा है, वो भी इसके प्रतिकूल प्रभाव से अछूता नहीं है. जब बच्चे की मां इस प्रदूषित हवा के बीच सांस लेती है तो ये विषाक्त पदार्थ उसके फेफड़ों में चले जाते हैं और फेफड़ों के जरिए वे रक्त में चले जाते हैं और नाल के जरिए वे भ्रूण तक पहुंच रहे हैं. इस समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450-500 है, ये रोजाना 25 से 30 सिगरेट पीने के बराबर है यानी ये वायु प्रदूषण आपके शरीर को उसी तरह नुकसान पहुंचा रहा है, जो नुकसान रोजाना 25-30 सिगरेट पीने से होता है.
#WATCH | Gurugram: On air pollution, Senior Lung specialist, Medanta Hospital Dr Arvind Kumar says, "...From head to toe, there's no organ in the body that escapes the ill effects of air pollution. There is now evidence to say that it causes obesity, it causes asthma. When there… pic.twitter.com/sQRyldZh2x
— ANI (@ANI) November 4, 2023
शरीर का कोई अंग नहीं जो वायु प्रदूषण से प्रभावित नहीं
डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि सिर से लेकर पैर तक, शरीर में ऐसा कोई अंग नहीं है जो वायु प्रदूषण के साइड इफेक्ट से बच सके. ये वायु प्रदूषण मोटापे और अस्थमा का कारण बनता है. लंग केयर फाउंडेशन के मुताबिक मोटे लोग जब इस वायु प्रदूषण के संपर्क में आते हैं तो उनके लिए अस्थमा का रिस्क कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. दिल्ली में 1,100 बच्चों के एक अध्ययन में हमने पाया कि तीन में से एक बच्चे में से एक अस्थमा से पीड़ित है और जब मोटापा भी मौजूद था, तो यह संख्या अधिक हो गई.
#WATCH | Gurugram: On air pollution, Senior Lung specialist, Medanta Hospital Dr Arvind Kumar says, "...All age groups are adversely affected by air pollution. You might wonder how an unborn child is affected because that child is not breathing. When the child's mother is… pic.twitter.com/ftZ0c8fEYE
— ANI (@ANI) November 4, 2023
02:24 PM IST