गूगल ऐप्स (Google Apps) की हमारे जीवन में भूमिका बढ़ती जा रही है. बात चाहें जीमेल (Gmail) की, या यूट्यूब (Youtube) या गूगल ड्राइव की हो, गूगल के बिना एक दिन बीतना भी मुश्किल हो गया है. इसके साथ ही गूगल एकाउंट की सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ती जा रही है. इसलिए गूगल ने हाल में एक नए फीचर Google 2-step verification की पेशकश की है. टू-स्टेप वेरिफिकेशन को एक्टिवेट करना बेहद आसान है और इसके बाद हैकर्स के लिए आपके गूगल एकाउंट को हैक करना लगभग असंभव सा हो जाएगा.

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गूगल टू-स्टेप वेरिफिकेशन के तहत जब भी किसी नए डिवाइस से आपके गूगल एकाउंट को एक्सेस किया जाएगा, तो लॉगइन करने के लिए गूगल पासवर्ड के साथ ही आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज गए ओटीपी को भी सब्मिट करना होगा. ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में एकाउंट लॉग-इन नहीं होगा. इस तरह टू-स्टेप वेरिफिकेशन के जरिए आपका एकाउंट आपके पासवर्ड के साथ ही आपके फोन के जरिए भी प्रोटेक्ट हो जाता है.

गूगल के मुताबिक, 'आप जितना सोचते हैं, उसके मुकाबले आपके एकाउंट को हैक करना कहीं अधिक आसान है.' गूगल के मुताबिक खासतौर से इन 3 स्टेप से आपका जीमेल एकाउंट हैक हो सकता है- 

1. एक जैसा पासवर्ड दूसरी साइट या एकाउंट के लिए इस्तेमाल करने पर. 

2. इंटरनेट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने पर. 

3. ईमेल संदेश में आए लिंक पर क्लिक करने पर.

ऐसे में टू-स्टेप वेरिफिकेशन के जरिए बुरे तत्व आपके एकाउंट को हैक नहीं कर सकते हैं.

ये कैसे काम करता है?

गूगल एकाउंट में लॉन इन करने के लिए पहले आपको पासवर्ड सब्मिट करना होता है. इसके बाद आपके फोन पर एक ओटीपी भेजा जाएगा. इस सिक्योरिटी की को सब्मिट करने के बाद ही एकाउंट लॉग इन होगा. अगर आप चाहें तो किसी सिस्टम में एक बार टू-स्टेप वेरिफिकेशन के बाद दोबारा ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी. हालांकि किसी भी नए सिस्टम पर पहली बार लॉन-इन करते समय टू-स्टेप वेरिफिकेशन जरूरी होगा. अपने एकाउंट में टू-स्टेप वेरिफिकेशन को एक्टिवेट करने के लिए यहां क्लिक करें.