Vedanta Share Price: शुक्रवार के कारोबार में वेदांता (Vedanta) के शेयर की कीमत में 6% से अधिक की गिरावट आई. शेयर में गिरावट सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के प्रस्तावित बिजनेस के संबंध में कंपनी द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के बाद आई है. BSE पर इंट्रा-डे में Vedanta का शेयर 6.5% गिरकर 287 रुपये के भाव पर आ गया. वेदांता के स्टॉक में बड़ी गिरावट से निवेशकों के 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए.

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Vedanta ने 15 सितंबर 2022 को रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग वेदांता लिमिटेड नहीं, बल्कि वेदांता की होल्डिंग कंपनी वोल्कैन इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (Volcan Investments Limited) करेगी.

दो दिन में 15 फीसदी बढ़ा था स्टॉक

इससे पहले, वेदांता के शेयर की कीमत पिछले दो कारोबारी सत्रों में लगभग 15% बढ़ी थी, जब वेदांता ने गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने के लिए एक ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण फर्म के साथ समझौता किया था. इस संयंत्र पर करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है. वेदांता-फॉक्सकॉन गठजोड़ करोड़ों डॉलर वाले इस निवेश के लिए माकूल जगह का आकलन पेशेवर ढंग से करता रहा है. यह एक वैज्ञानिक एवं वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें कई साल भी लग जाते हैं। हमने यह प्रक्रिया दो साल पहले शुरू की थी.

निवेशकों को 10,000 करोड़ से ज्यादा डूबे

Vedanta के स्टॉक्स में गिरावट से निवेशकों को बड़ा झटका लगा है. उनकी दौलत 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गई. 15 सितंबर 2022 को स्टॉक 314.10 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. इस भाव पर कंपनी का मार्केट कैप 1,16,697.82 करोड़ रुपये था. 16 सितंबर 2022 को शेयर 6.5% गिरकर 287 रुपये पर आ गया. इस वजह से कंपनी का मार्केट कैप 10,068.48 करोड़ रुपये घटकर 1,06,629.34 करोड़ रुपये हो गया.

सेमीकंडक्टर चिप्स का मार्केट

सेमीकंडक्टर चिप्स  या माइक्रोचिप्स, कई डिजिटल कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसे कारों से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड तक में इस्तेमाल होता है.  2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर मार्केट 27.2 अरब डॉलर था और 2026 में 64 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए लगभग 19% की हेल्दी CAGR से बढ़ने की उम्मीद है. लेकिन इनमें से कोई भी चिप्स अब तक भारत में निर्मित नहीं है.