Vedanta share Price: अनिल अग्रवाल की मल्टी नेशनल माइनिंग एंड मेटल कंपनी वेदांता लिमिटेड के शेयरों में लगातार आठवें कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज की गई. यह स्टॉक पांच महीने के निचले स्तर पर है. NSE की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, आखिरी बार 16 फरवरी को यह स्टॉक हरे निशान में बंद हुआ था.  उसके बाद 315 रुपए का स्टॉक फिसल कर 269 रुपए पर बंद हुआ. इस तरह इसमें 15% से ज्यादा की गिरावट आई है. निवेशकों में घबराहट हो रही है. आइए जानते हैं कि इस गिरावट के क्या कारण हैं और निवेशकों को क्या करना चाहिए.

कंपनी पर कर्ज का भारी बोझ

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जी बिजनेस के ऐनालिस्ट आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि कंपनी पर कर्ज का बहुत भारी बोझ है. कंपनी के बॉन्ड्स में बीते तीन दिनों में बड़ी गिरावट आई है. बॉन्ड्स तीन दिनों में 10 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गए हैं, जिसके कारण निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है. वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पर 8 बिलियन डॉलर यानी 65 हजार करोड़ रुपए के करीब कर्ज है.

इंटरनेशनल जिंक बिजनेस डील में देरी से होगा नुकसान

एक और खबर कंपनी के लिए अच्छी नहीं है. पिछले दिनों वेदांता लिमिटेड ने स्कीम ऑफ अरेंजमेंट्स के तहत जिंक बिजनेस को ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक को ट्रांसफर करने का ऐलान किया था. हिंदुस्तान जिंक कैश रिच है और वेदांता लिमिटेड को इस ट्रांजैक्शन से करीब 25 हजार करोड़ रुपए मिलते. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इस डील को खारिज कर सकती है. इसका भी स्टॉक पर निगेटिव सेंटिमेंट गया है.

वैल्युएशन के हिसाब से सस्ता है स्टॉक

ऐनालिस्ट ने बताया कि वैल्युएशन के हिसाब से वेदांता लिमिटेड का स्टॉक सस्ता है. कंपनी के हिंदुस्तान जिंक से डिविडेंड के रूप में मोटी कमाई होती है, जिसके कारण कैश फ्लो की भी समस्या नहीं है. हालांकि, मेटल्स की कीमत में गिरावट और बॉन्ड में गिरावट  के कारण फिलहाल स्टॉक पर दबाव बना हुआ है.

रेटिंग घटने का डर

S&P Global Ratings ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि अगर वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेस 2 बिलियन डॉलर का फंड रेजिंग करने में अक्षम होती है या फिर इंटरनेशनल जिंक बिजनेस को हिंदुस्तान जिंक को बेचने में असफल होती है तो इसकी रेटिंग घटाई जा सकती है. कंपनी के जून 2023 तक कम से कम 500 मिलियन डॉलर यानी 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड इकट्ठा करना होगा. यह ग्रुप की मिनिमम देनदारी है.

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