Dividend Stocks: स्‍टॉक बाजार (Share Market) में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में निवेश पर रिटेल इन्वेस्टर को रिटर्न के अलावा भी कई अन्य तरीके से इनकम होती है. आमतौर पर तिमाही नतीजों के दौरान कंपनियां कॉरपोरेट्स ऐलान करती हैं. इसमें बोनस शेयर (Bonus Share), स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) और डिविडेंड (Dividend) के ऐलान शामिल होते हैं. डिविडेंड में कंपनियां अंतरिम डिविडेंड/स्पेशल डिविडेंड देती हैं. दिसंबर तिमाही में कई PSU कंपनियों ने भी निवेशकों को अच्‍छा खासा डिविडेंड दिया है. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेशकों को लंबी अवधि में डबल फायदा होता है. पहला, उनको रेगुलर डिविडेंड से इनकम होती है और दूसरा कि उनको शेयर प्राइस बढ़ने का भी फायदा होता है. हालांकि, डिविडेंड स्‍टॉक्‍स में जब भी निवेश का फैसला लें, डिविडेंड यील्‍ड को भी ध्‍यान में रखना चाहिए.

टॉप 15 डिविडेंड यील्‍ड वाले PSU स्‍टॉक्‍स

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्‍युरिटीज की मार्च 2023 की डिविडेंड यील्‍ड स्‍टॉक्‍स की लिस्‍ट में 15 PSU स्‍टॉक्‍स (Top 15 Dividend Yield Companies) हैं. इनमें REC, ONGC, OIL, SAIL, GAIL, IRFC, OIL, PFC, Powergrid, SJVN जैसे शेयर शामिल हैं.

Dividend Yield: क्‍यों है अहम

ब्रोकिंग एंड इन्‍वेस्‍टमेंट फर्म मास्‍टरट्रस्‍ट की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पलका अरोड़ा चोपड़ा का कहना है, डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना, लंबी अवधि में वेल्‍थ क्रिएशन का एक अच्‍छा आइडिया होता है. इसमें निवेशकों को डबल फायदा होता है. लंबी अवधि तक इन शेयरों में बने रहने से लगातार डिविडेंड मिलता है. साथ ही स्‍टॉक्‍स के भाव बढ़ने का भी फायदा होता है. ऐसे निवेशकों जो अपने निवेश पर पैसिव इनकम चाहते हैं, उनके लिए बेहतर है. इसके लिए निवेश को प्रोडक्टिविटी देने की बात आती है, तो डिविडेंड उनकी स्थिरता को दर्शाता है. जब कोई कंपनी लगातार डिविडेंड देती है, तो माना जाता है कि लिक्विडिटी कंट्रोल करन को लेकर वह परिपक्‍व है. वैल्‍यू निवेशक इन कंपनियों को पसंद करते हैं क्‍योंकि मार्केट में निचलये स्‍तरों की ओर होता है, तब भी वे अच्‍छा परफॉर्म करते हैं. 

उनका कहना है कि डिविडेंड देने वाली कंपनियों का डिविडेंड यील्‍ड एक अहम फैक्‍टर है. दरअसल, डिविडेंड यील्‍ड रेश्‍यो भविष्य के लिए कंपनी के ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में एक आइडिया देता है. डिविडेंड देने वाले शेयर सबसे सुरक्षित हो सकते हैं. लेकिन इनमें भी नुकसान हो सकता है और अगर आपको यह नहीं पता कि कब इन शेयरों से बचना है, आपके लिए डिविडेंड शेयर जोखिम भरे हो सकते हैं. इसलिए, स्टॉक खरीदने से पहले डिविडेंड यील्ड की स्थिरता और कंपनी के अन्य फंडामेंटल को समझना महत्वपूर्ण है. 

उन्‍होंने कहा कि कई संभावित निवेशक इस अनुपात का इस्‍तेमाल कंपनी के कैश फ्लो और अन्य आपरेशंस के विश्लेषण के फर्स्‍ट स्‍टेप के रूप में करते हैं, क्योंकि यह कंपनी की वैल्‍यूशन के दौरान फायदेमंद होता है. यह डिविडेंड के मौजूदा और ऐतिहासिक लेवल के बीच अंतर की पहचान करने में मदद करता है और यह समझने में मदद करता है कि स्टॉक की वैल्‍युएशन कम है या ज्‍यादा है. बता दें, सालाना डिविडेंड प्रति शेयर में शेयर के मौजूदा भाव को डिवाइन कर डिविडेंड यील्‍ड निकाला जा सकता है. 

(डिस्‍क्‍लेमर: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)