L&T फाइनेंस को मुनाफा कम होने के बाद भी नो टेंशन, जानें MD&CEO दीनानाथ दुबाशी की राय
L&T Finance: कंपनी के सीईओ ने कहा कि हमने तय किया कि हमें अपनी बैलेंस शीट मजबूत रखनी है. ये बात सही है कि फिलहाल पूरे सेक्टर के लिए खराब टाइम चल रहा है. ऐसी स्थिति में किसी भी अच्छी कंपनी की कोशिश होती है कि अपनी बैलेंस शीट की मजबूत सुरक्षा की जाए.
रूरल बिजनेस के एनपीए (NPA) हमेशा सितंबर और मार्च में सबसे अधिक होते हैं और जून और दिसंबर में नीचे आते हैं. (जी बिजनेस)
रूरल बिजनेस के एनपीए (NPA) हमेशा सितंबर और मार्च में सबसे अधिक होते हैं और जून और दिसंबर में नीचे आते हैं. (जी बिजनेस)
एलएंडटी (L&T) फाइनेंस होल्डिंग्स ने आज सितंबर में खत्म हुए क्वार्टर के रिजल्ट अनाउंस कर दिए हैं. इसमें कंपनी के रिजल्ट्स कमजोर देखने को मिले हैं. मुनाफा करीब 69 प्रतिशत घट गया है. नेट इंटरेस्ट इनकम है, उसमें बहुत अधिक फर्क आता नहीं दिख रहा. लेकिन इसके बाद भी कंपनी को खुद पर काफी भरोसा है. क्वार्टर रिजल्ट पर एलएंटटी फाइनेंस (L&T Financ) के एमडी और सीईओ (MD&CEO) दीनानाथ दुबाशी कहते हैं कि 473 करोड़ रुपये का राइट डाउन है. यहां तक कि आज के मुनाफे में कंपनी को करीब-करीब 230 से 250 करोड़ रुपये का फायदा हर साल मिलेगा. उनका कहना है कि किसी भी क्वार्टर को लें तो हमारा रिजल्ट इस क्वार्टर में अच्छा रहा है.
फाइनेंशियल सेक्टर के सामने चुनौती के वाबजूद कंपनी के बेहतर बैलेंस शीट को लेकर उनका कहना है कि हमने तय किया कि हमें अपनी बैलेंस शीट मजबूत रखनी है. ये बात सही है कि फिलहाल पूरे सेक्टर के लिए खराब टाइम चल रहा है. ऐसी स्थिति में किसी भी अच्छी कंपनी की कोशिश होती है कि अपनी बैलेंस शीट की मजबूत सुरक्षा की जाए.
#ResultsOnZB | देखिए सितंबर तिमाही नतीजों पर L&T फाइनेंस के MD & CEO दीनानाथ दुबाशी की खास बातचीत।@LnTFSOnline @devanshiashar pic.twitter.com/xEoC3hBbwt
— Zee Business (@ZeeBusiness) October 22, 2019
उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह हमारी पैरेंट कंपनी का मजबूत होना है, जिससे हमें काफी फायदा मिलता है. दूसरा हमारा बिजनेस मॉडल है. यानी हम वहीं पर फोकस करेंगे जहां हम टॉप तीन कंपनियों में जगह बना सकें. हमने बेहतर स्किल डेवलप कर रखें हैं. इस स्किल से हम यह सुनिश्चत करते हैं कि भले ही खराब टाइम में ग्रोथ कम हो लेकिन अच्छे टाइम में हम अपने कॉम्पिटीटर से ज्यादा अच्छा करेंगे और बुरे टाइम में हम कॉम्पिटीटर से कम घाटा उठाएंगे.
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डीएचएफएल (DHFL) को लेकर उनका कहना है कि एसेट क्वालिटी में पिछले साल से काफी सुधार हुआ है. क्वार्टर टू क्वार्टर थोड़े अंतर आते हैं. उन्होंने कहा कि रूरल बिजनेस एक सीजनल बिजनेस है. इसलिए रूरल बिजनेस के एनपीए (NPA) हमेशा सितंबर और मार्च में सबसे अधिक होते हैं और जून और दिसंबर में नीचे आते हैं. हम रूरल सेक्टर में अपने एसेट क्वालिटी को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है. जहां तक इन्फ्रा और रीयल एस्टेट का सवाल है, हमारी एसेट क्वालिटी काफी कंट्रोल में है. हमारी इस पर काफी नजर है और एनपीए में और बढ़ोतरी की आशंका नहीं है.
02:47 PM IST