Upcoming IPOs: शेयर बाजार में IPO में निवेश करके कमाई करने की तलाश में लोगों के लिए अच्छी खबर है. दो कंपनियों ने IPO लाने के लिए SEBI के पास अपने ड्राफ्ट पेपर्स जमा किए हैं. दक्षिण भारत में होटलों की मालिक और डेवलपर ब्रिगेड होटल वेंचर्स लिमिटेड ने IPO के माध्यम से 900 करोड़ रुपये जुटाने के लिए SEBI में आरंभिक दस्तावेज जमा कराए हैं. वहीं, HDFC Bank की अनुषंगी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDFC Financial Services) ने IPO के माध्यम से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए SEBI में पेपर जमा कराए हैं.

ब्रिगेड होटल वेंचर्स लिमिटेड IPO

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SEBI में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित IPO पूरी तरह से इक्विटी शेयरों के नए निर्गम पर आधारित है और इसमें कोई बिक्री पेशकश (OFS) नहीं है. इस निर्गम से प्राप्त 481 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग कर्ज भुगतान में किया जाएगा, 412 करोड़ रुपये कंपनी को तथा 69 करोड़ रुपये इसकी प्रमुख अनुषंगी कंपनी एसआरपी प्रोसपेरिटा होटल वेंचर्स लिमिटेड को आवंटित किए जाएंगे. 

इसके अलावा, 107.52 करोड़ रुपये का उपयोग प्रवर्तक बीईएल से भूमि का अविभाजित हिस्सा खरीदने के लिए किया जाएगा, और शेष धनराशि का उपयोग अधिग्रहण, अन्य रणनीतिक पहलों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों में किया जाएगा. कंपनी आईपीओ पूर्व नियोजन के जरिए 180 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है. अगर नियोजन किया जाता है, तो निर्गम का आकार कम हो जाएगा.

HDB Financial Services IPO

SEBI में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित IPO 2,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों के नए निर्गम और प्रवर्तक एचडीएफसी बैंक द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (OFS) का संयोजन है. वर्तमान में, HDFC Bank के पास एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में 94.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो बैंक की एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) इकाई है. कंपनी ने अपने टियर-1 पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए नए निर्गम से प्राप्त आय का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है. यह व्यवसाय वृद्धि को समर्थन देने के लिए अतिरिक्त उधार सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं का समर्थन करेगा.

एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को सूचीबद्ध करने का निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक के अक्टूबर, 2022 में लिए आदेश के बाद लिया गया है, जिसके तहत ऊपरी स्तर की एनबीएफसी को तीन साल के भीतर शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना आवश्यक है. इसी महीने एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी अनुषंगी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज से संबंधित 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) सहित 12,500 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री को मंजूरी दी थी.

प्रस्तावित आईपीओ के बाद, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज लागू नियमों के प्रावधानों के अनुपालन में बैंक की अनुषंगी कंपनी बनी रहेगी.