B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने हाल ही में करीब 2800 करोड़ रुपये की फंडिंग उठाई थी. यह स्टार्टअप एक यूनिकॉर्न है, जिसे लेकर अब खबर आ रही है कि कंपनी ने 100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनी ने कहा है कि यह बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग के चलते किया गया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि Udaan ने पिछले सालों में एक प्रॉफिटेबल बिजनेस बनाने के लिए काफी मेहनत की है और अपने इसी बिजनेस मॉडल के तहत बिजनेस को आगे बढ़ाया जाएगा.

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बेंगलुरु की इस कंपनी ने सितंबर के महीने में अपनी कुछ बिजनेस यूनिट को रीस्ट्रक्चर किया था, ताकि जरूरी चीजों के बिजनेस और आम चीजों जैसे लाइफस्टाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के बिजनेस को मर्ज किया जा सके. हम ई-कॉमर्स की ताकत का इस्तेमाल करते हुए किराना कॉमर्स को बढ़ाने के अपने लक्ष्य और छोटे-मध्यम बिजनेस को ताकत देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

दो साल में 600 लोगों को निकाला

यह पहली बार नहीं है जब इस स्टार्टअप ने छंटनी की है. इससे पहले साल 2022 में उड़ान ने दो चरणों में करीब 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. इस तरह देखा जाए तो पिछले दो सालों में इस बार यह तीसरा मौका है, जब कंपनी ने छंटनी की है. दो सालों में कंपनी करीब 600 लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है.

हाल ही में जुटाई थी 2800 करोड़ की फंडिंग

हाल ही में कंपनी ने सीरीज ई राउंड के तहत 340 मिलियन डॉलर यानी करीब 2800 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की थी. इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व यूके की सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट फर्म M&G Prudential ने की थी. साथ ही इस राउंड में Lightspeed Venture Partners और DST Global जैसे कंपनी के मौजूदा निवेशकों ने भी हिस्सा लिया.

कंपनी ने कहा है कि वह फंडिंग से मिले पैसों का इस्तेमाल ग्राहकों के अनुभव को मजबूती देने, मार्केट में अपनी पहुंच बढ़ाने, वेंडर्स के साथ पार्टनरशिप करने के साथ-साथ सप्लाई चेन और क्रेडिट की क्षमताओं को बढ़ाने में किया जाएगा. 

कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ वैभव गुप्ता कहते हैं कि इस फंडिंग के चलते उनके बिजनेस की ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी में बढ़त देखने को मिलेगा. इससे हम अगले 12-18 महीनों में खुद को पब्लिक मार्केट के लिए रेडी कर पाएंगे. 

साल 2016 में कंपनी के शुरू होने से अब तक यह कंपनी 1.8 अरब डॉलर की फंडिंग जुटा चुकी है. बता दें कि वित्त वर्ष 2023 में इस यूनिकॉर्न स्टार्टअप का ऑपरेटिंग रेवेन्यू करीब 43 फीसदी घटकर 5609 करोड़ रुपये रह गया, जो वित्त वर्ष 2022 में 9897.3 करोड़ रुपये थे.