शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) में हाल ही में एक लगेज ब्रांड आया, जिनका नाम है Nasher Miles. यह स्टार्टअप (Startup) डिजाइनर बैग बनाता है, ताकि एयरपोर्ट पर आपको अपने लगेज को पहचानने के लिए उस पर कोई धागा ना बांधना पड़े. इस स्टार्टअप की शुरुआत अगस्त 2017 में अभिषेक डागा, उनके चचेरे भाई लोकेश डागा और लोकेश की पत्नी श्रुति केडिया डागा ने की थी. 

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मुंबई का ये स्टार्टअप स्टाइल, वैराएटी और फैशन को ध्यान में रखते हुए बैग बनाता है. फाउंडर्स का दावा है कि उनके स्टार्टअप में 100 से भी अधिक शेड के बैग हैं. इतना ही नहीं, इन बैग को किसी न किसी फेवरेट ट्रैवल डेस्टिनेशन से प्रेरणा लेकर बनाया गया है. स्टार्टअप का दावा है कि इसके बैग बहुत ही किफायती हैं और मजबूत भी हैं. अभी यह स्टार्टअप सिर्फ ऑनलाइन माध्यम के जरिए ही बिजनेस कर रहा है.

कैसे हुई शुरुआत?

Nasher Miles की शुरुआत उस दौर में हो गई थी, जब ऑनलाइन बहुत नया हुआ करता था. उस वक्त फाउंडर्स ने एग्रिगेटर की तरह काम करना शुरू किया. उन्होंने एक सुपरसेलर की तरह काम किया और 3 साल में ही वह वीआईपी के डिस्ट्रीब्यूटर तक बन गए. उस वक्त ऑनलाइन मार्केट में लगेज बहुत ही छोटी कैटेगरी हुआ करती थी और Nasher Miles ने फर्स्ट मूवर एडवांटेज लेते हुए मार्केट में एंट्री मार ली. कंपनी के करीब 80 फीसदी बैग चीन से बनते हैं और बाकी भारत में ही बनते हैं. फाउंडर्स का कहना है कि वह अगले 3 सालों में भारत में करीब 50 फीसदी बैग बनवाना शुरू कर दें.

बूटस्ट्रैप्ड और प्रॉफिटेबल, 100 करोड़ का रेवेन्यू

यह स्टार्टअप अभी तक बूटस्ट्रैप्ड है और साथ ही प्रॉफिटेबल भी है. अगर इसकी कमाई की बात करें तो 2017-18 में कंपनी ने 2.8 करोड़ रुपये कमाए, जबकि अगले साल 2018-19 में कमाई कई गुना बढ़कर 15.75 करोड़ रुपये हो गई. 2019-20 में कंपनी का रेवेन्यू 22.73 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन 2020-21 में कोविड-19 की वजह से रेवेन्यू गिरकर 12.50 करोड़ रुपये रह गया. इतना ही नहीं, 2021-22 में रेवेन्यू 23.70 करोड़ रुपये रहा और 2022-23 में रेवेन्यू 52.90 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का दावा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में रेवेन्यू 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. कंपनी करीब 12.4 फीसदी का मुनाफा कमाती है.

मिला 200 करोड़ रुपये का वैल्युएशन

इस स्टार्टअप ने शार्क टैंक इंडिया में 400 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 0.75 फीसदी इक्विटी के बदले 3 करोड़ रुपये की मांग रखी. शार्क के साथ काफी देर तक मोल-भाव चला और अंत में इन्हें एक शानदार डील मिल गई. आखिरकार इस स्टार्टअप ने 200 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 3 करोड़ की डील की. अच्छी बात ये है कि इस स्टार्टअप को ऑल शार्क डील मिली और अमन गुप्ता, अनुपम मित्तल, नमिता थापर, रितेश अग्रवाल और विनीता सिंह उनके साथ जुड़े. बता दें कि यह इस सीजन की दूसरी ऑल 5 शार्क डील थी.

इस कंपनी के केबिन बैग 2700-3200 रुपये, मिड साइज बैग 3200-3700 रुपये और बड़े बैग 3700-4200 रुपये तक में बिकते हैं. बता दें कि कंपनी ने इसी साल ऋषभ पंत को अपना ब्रांड अंबेसडर बनाया है. आने वाले सालों में यह कंपनी ऑफलाइन बिजनेस पर फोकस करना चाहती है, जिसके लिए वह रिटेल स्टोर से जुड़ना चाहती है और साथ ही अपने कुछ स्टोर भी खोलना चाहती है. 

यह स्टार्टअप अपने बैग्स पर लाइफटाइम वारंटी देता है और दावा करता है कि अगर कोई भी बैग कभी भी क्रैक हो गया, तो उसे रिप्लेस कर दिया जाएगा. यह बैग पॉलीप्रॉपोलीन के बने हैं, इसलिए क्रैक नहीं होते. यहां तक कि चेक करने के लिए अनुपम मित्तल इन बैग के ऊपर की बार कूदे, लेकिन वह क्रैक नहीं हुआ. बैग थोड़ा पिचक गया, लेकिन फिर दोबारा से उसने अपनी शेप ले ली. सारे शार्क को सबसे बड़ी हैरानी तो इस बात की हुई कि बूटस्ट्रैप्ड और प्रॉफिटेबल होने के बावजूद स्टार्टअप के फाउंडर्स मोटी सैलरी लेते हैं. अभिषेक और लोकेश हर महीने 7-7 लाख रुपये और श्रुति हर महीने 5.75 लाख रुपये की सैलरी लेती हैं. इतना ही नहीं, हर साल  1-2 महीने का बोनस अलग से लेते हैं. शार्क्स को ये बिजनेस बहुत पसंद आया.