भारत में स्टार्टअप्स ने अब तक 16.6 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा किए हैं. यह रोजगार 55 से भी ज्याद अलग-असलग उद्योगों में फैले हुए हैं. यह जानकारी शुक्रवार को संसद में दी गई.  भारत में अभी 1,46,000 से ज्यादा DPIIT की तरफ से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स हैं और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न कंपनियां भी यहां मौजूद हैं.  

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि सबसे ज्यादा रोजगार आईटी सेक्टर में पैदा हुए हैं. आईटी सेक्टर में 2,04,119 नौकरियां पैदा हुईं. इसके बाद स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान (1,47,639) और पेशेवर एवं वाणिज्यिक सेवाओं (94,060) का नंबर आता है.  

इसके अलावा, शिक्षा (90,414), मानव संसाधन (87,983), निर्माण (88,702), खाद्य और पेय पदार्थ (88,468), कृषि (83,307) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (23,918) जैसे क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हुए हैं. यह सभी उद्योग और आंतरिक व्यापार मंत्रालय (DPIIT) के आंकड़ों में दिखाया गया है.  

पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत स्टार्टअप ईकोसिस्टम के डेवलपमेंट और रोजगार पैदा करने को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.  सरकार की प्रमुख योजनाओं में 'फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स' (FFS), 'स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम' (SISFS), और 'क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स' (CGSS) शामिल हैं, जो स्टार्टअप्स को उनके बिजनेस के तमाम चरणों में मदद करती हैं.  

इसके अतिरिक्त, सरकार ने 'राज्य स्टार्टअप रैंकिंग', 'नेशनल स्टार्टअप अवार्ड्स', और 'इनोवेशन वीक' जैसी पहलें भी लागू की हैं, जो स्टार्टअप ईकोसिस्टम के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं.  

पीयूष गोयल ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे 'स्टार्टअप इंडिया हब' पोर्टल और 'भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री' (BHASKAR) स्टार्टअप्स और उद्यमियों को संसाधनों और सहयोग के लिए एक साथ लाते हैं. भारत में स्टार्टअप्स का बढ़ता हुआ नेटवर्क न केवल रोजगार पैदा करने में अहम योगदान दे रहा है, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है.