गूगल (Google) के निवेश वाले एडटेक (Edtech) स्टार्टअप Adda247 ने करीब 250-300 कर्मचारियों की छंटनी की है. यह छंटनी कंपनी के अलग-अलग विभागों में की गई है. यह छंटनी (Layoff) कॉस्ट कटिंग के लिए की गई है, ताकि कंपनी का रनवे टाइम बढ़ सके. दरअसल, इस वक्त फंडिंग विंटर चल रहा है, जिसकी वजह से बहुत सारे स्टार्टअप्स को फंड नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में कई स्टार्टअप्स ने छंटनी की है और कई ऐसे भी हैं जो छंटनी की योजना बना रहे हैं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें सूत्रों के हवाले से छंटनी किए जाने की खबर दी है.

क्यों हुई छंटनी?

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इस छंटनी की सबसे बड़ी वजह हो सकती है स्टार्टअप ईकोसिस्टम में चल रहा फंडिंग विंटर, जिसके चलते स्टार्टअप्स को फंडिंग नहीं मिल पा रही है. जहां साल 2022 में स्टार्टअप्स को हर 3 घंटे में फंडिंग मिल रही थी, अब 2023 में उन्हें करीब 10 घंटों में एक फंडिंग मिल रही है. सिर्फ 2023 की पहली छमाही में ही फंडिंग में करीब 72 फीसदी की गिरावट आई है. तमाम स्टार्टअप तेजी से छंटनी कर रहे हैं, क्योंकि फंडिंग ना मिल पाने की वजह से उन्हें जरूरत है कॉस्ट कटिंग की. फंड ही नहीं हैं तो सैलरी तक देने के पैसे नहीं हैं, ऐसे में छंटनी की जा रही हैं. यह सब हो रहा है फंडिंग नहीं मिल पाने की वजह से. साल 2021 में खूब फंडिंग मिली और खूब सारे स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने, लेकिन पिछले साल मार्च-अप्रैल के महीने से फंडिंग में गिरावट आनी शुरू हुई जो अब तक जारी है.

स्टार्टअप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) के लिए यह साल कितना बुरा साबित हुआ है, इसका अंदाजा फंडिंग से जुड़ी ताजा रिपोर्ट से ही लग रहा है. 2023 की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में स्टार्टअप्स को पिछले 5 सालों में सबसे कम फंडिंग मिली है. मार्केट इंटेलिजेंस फर्म Tracxn के अनुसार इस दौरान स्टार्टअप्स को सिर्फ 1.5 अरब डॉलर की फंडिंग मिली है. अगर पिछले साल की इसी अवधि की बात करें तो उसकी तुलना में साल-दर-साल के आधार पर स्टार्टअप फंडिंग (Startup Funding) में करीब 54 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं पिछली तिमाही की तुलना में फंडिंग में करीब 29 फीसदी की गिरावट आई है. 

Tracxn- India Tech Quarterly Funding Report के अनुसार अगर पिछले साल की इसी तिमाही से तुलना करें तो लास्ट-स्टेज राउंड की फंडिंग में 33 फीसदी की गिरावट देखी गई है. वहीं अर्ली-स्टेज फंडिंग में 74 फीसदी की गिरावट आई है. इसके अलावा सीड-स्टेज फंडिंग में 75 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. इस साल की तीसरी तिमाही में सिर्फ 5 फंडिंग राउंड ऐसे हुए हैं, जो 100 मिलियन डॉलर से बड़े रहे हैं. इसमें Perfios, Zepto, Ola Electric, Ather Energy और Zyber 365 जैसी कंपनियां शामिल रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा फंडिंग Perfios को सीरीज डी राउंड में 229 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है.