हाल ही में शार्क टैंक इंडिया का तीसरा सीजन (Shark Tank India-3) खत्म हुआ है. शार्क टैंक इंडिया देश के तमाम स्टार्टअप्स (Startup) के लिए एक ऐसा मंच बन चुका है, जिस पर आने के बाद उनकी सेल्स में कई गुना की बढ़ोतरी हो जाती है. ऐसा ही एक स्टार्टअप है FlexifyMe, जो शार्क टैंक में आया था और वहां आने की वजह से उसके बिजनेस (Business) में तगड़ी ग्रोथ दिखी. हालांकि, सपनों का हकीकत बन जाता बस चंद दिनों के लिए था. महज 30 दिनों बाद ही कंपनी के साथ कुछ ऐसा हुआ, जो उनके लिए एक बुरा सपना बन गया और जिसने सब कुछ बर्बाद कर दिया.

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FlexifyMe के को-फाउंडर मंजीत सिंह ने अपनी दर्द भरी दास्तां लिंक्डइन पर शेयर की है. इसी के साथ उन्होंने इस मामले में तमाम फाउंडर्स समेत सभी से मदद की गुहार लगाई है. 13 मार्च को यह स्टार्टअप शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में आया था. इसे लेकर फाउंडर ने लिखा है कि 13 मार्च को सोनी लाइव और शार्क टैंक इंडिया की वजह से हमारे सपने हकीकत में बदल गए. इसकी वजह से हमारा ट्रैफिक करीब 80 गुना बढ़ गया और लीड फ्लो में भी करीब 40 गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली. उस वक्त हमें जो रेस्पॉन्स मिल रहा था, उसे देखकर हम जैसे चांद पर थे. इंस्टाग्राम समेत हमारा सोशल मीडिया ट्रैफिक भी तेजी से बढ़ रहा था.

लेकिन फिर... सब बदल गया...

मंजीत ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि महज एक महीने बाद 13 अप्रैल को अचानक से हमारा इंस्टाग्राम ब्लॉक हो गया और उसके लिए कोई वजह भी नहीं बताई गई. हमारा विज्ञापन का अकाउंट भी ब्लॉक हो गया, जिससे बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ा. उसके बाद से हमारा रेवेन्यू तेजी से गिर रहा है और हमारे ऑर्गेनिक ट्रैफिक में भी बड़ी गिरावट आई है. कंपनी ने अपने सारे टारगेट मिस कर दिए हैं और अब क्लाइंट परेशान हो रहे हैं, जो हमारे बिजनेस को बर्बाद कर रहा है.

तो ये सब हुआ कैसे?

ये सब होने के पीछे की वजह भी मंजीत ने बताई है. उन्होंने लिखा है कि सोनी ने लोगो इनफ्रिंजमेंट और कुछ अन्य उल्लंघन की बात कहते हुए कंपनी के खिलाफ केस फाइल किया है. उनके साथ-साथ 7 अन्य कंपनियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ से अपने ही एपिसोड की कुछ रील अपलोड की गई थीं, जिनके जरिए उन्होंने शार्क टैंक इंडिया को धन्यवाद कहा था. हमारा कोई गलत इरादा नहीं था. अब अचानक से हमारा इंस्टाग्राम अकाउंट और एड अकाउंट बंद हो चुका है, जिसे वापस खुलवाने के लिए हम दर-दर भटक रहे हैं.

सबसे मांग रहे माफी, नहीं मिल रहा कोई जवाब

मंजीत सिंह ने कहा कि इसे लेकर कंपनी को ना तो ई-मेल के जरिए और ना ही किसी फोन कॉल के जरिए वॉर्निंग दी गई थी. अगर कंपनी ने इसके बारे में बताया होता तो उसे सही किया जा सकता था. मंजीत के अनुसार उनकी कंपनी ने सोनी, शार्क टैंक इंडिया, लीगल टीमों और यहां तक मेटा को भी माफी मांगते हुए ईमेल लिखा है, लेकिन कोई भी जवाब नहीं दे रहा है. हमारा मिशन है कि हम लोगों के दर्द को दूर करें, लेकिन अब हमारी खुद ही उम्मीदें टूट रही हैं. वह बोले कि हमने इस ब्रांड को अपने खून-पसीने से खड़ा किया है और अब सब कुछ दाव पर लगा है. अब स्टार्टअप फाउंडर सभी से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

नमिता थापर ने किया था निवेश

अमित भयानी और मंजीत सिंह ने इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी. यह स्टॉर्टअप क्रॉनिक पेन मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है, जो फिजियोथेरेपी, योगा और एआई के कॉन्बिनेशन से चलता है. शार्क टैंक में आने तक कंपनी 50 हजार से भी अधिक लोगों तक पहुंच चुकी थी. फाउंडर्स ने 50 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 2 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये मांगे थे. हालांकि, अंत में  उन्होंने 37.88 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 1.32 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये लिए. वहीं बाकी के 50 लाख रुपये कंपनी ने 2 साल के लिए 10 फीसदी की दर पर कर्ज के तौर पर लिए. यह डील नमिता थापर ने की थी.