आपने शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के पहले सीजन का वो एपिसोड तो देखा ही होगा, जिसमें अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने एक फाउंडर से कहा था- 'मैं तेरा दोगपापन निकालता हूं...' इसी एपिसोड के बाद से अश्नीर ग्रोवर को दोगलापन डायलॉग से जोड़ा जाने लगा. यहां तक कि अश्नीर ग्रोवर ने अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के तहत अपनी ऑटोबायोग्राफी का नाम भी दोगलापन रख दिया. अश्नीर ग्रोवर ने जिस स्टार्टअप (Startup) को बुरी तरह फटकार लगाई थी, अब उसी ने 9.25 करोड़ रुपये की फंडिंग (Startup Funding) उठाई है. इस स्टार्टअप का नाम है Bummer, जो इनरवियर, बिकनी, ब्रैसलेट, हिस्टर, शॉर्ट्स, बॉक्स, ट्रंक्स, ब्रीफ्स, पायजामा और लाउंजवीयर बनाता है.

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Bummer ने हाल ही में प्री-सीरीज ए1 फंडिंग राउंड के तहत 1.1 मिलियन डॉलर यानी करीब 9.25 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व निखिल कामत द्वारा चलाए जाने वाले ग्रुहास कलेक्टिव कंज्यूमर फंड (Gruhas Collective Consumer Fund) ने किया है.  शार्क टैंक इंडिया में भी इस स्टार्टअप में अमन गुप्ता और नमिता थापर ने मिलकर पैसे लगाए थे. दोनों ने मिलकर इस स्टार्टअप में 7.5 फीसदी इक्विटी के लिए 75 लाख रुपये का निवेश किया था.

कहां होगा फंडिंग से मिले पैसों का इस्तेमाल?

फंडिंग से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी के विस्तार के लिए किया जाएगा. कंपनी अपनी ओम्नीचैनल मौजूदगी को बढ़ाने पर फोकस कर रही है. कंपनी अपनी मार्केट रीच बढ़ाएगी और खास तौर पर टीयर-2, टीयर-3 और टीयर-4 शहरों तक पहुंचेगी. कंपनी का मकसद है कि उसकी कमाई का करीब 50 फीसदी हिस्सा अहमदाबाद, इंदौर, हैदराबाद, चंडीगढ़, भोपाल और जयपुर से आए. देखा जाए तो इस फंडिंग से बमर का मार्केट विस्तार तेजी से होगा और ग्राहकों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी.

क्या करती है ये कंपनी?

इस कंपनी की शुरुआत साल 2020 में सुलय लावसी (Sulay Lavsi) ने की थी. इस स्टार्टअप ने बहुत ही इनोवेटिव अप्रोच का इस्तेमाल करते हुए इनरवियर बनाए हैं. इसके प्रोडक्ट्स में बिकनी, ब्रैसलेट, हिस्टर, शॉर्ट्स, बॉक्स, ट्रंक्स, ब्रीफ्स, पायजामा और लाउंजवीयर हैं. स्टार्टअप का दावा है कि वह माइक्रोमोडाल फाइबर का इस्तेमाल करता है, जिसे बीचवुड के पेड़ से निकाला जाता है. इससे बहुत ही मुलायम, हल्के और सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स बनते हैं. 

18 महीनों में 18 गुना बढ़ी सेल्स

यहां शार्क टैंक के जिस एपिसोड की बात हो रही है, वह फरवरी 2022 में ऑन एयर हुआ था. यानी वह सितंबर-अक्टूबर 2021 के करीब रेकॉर्ड हुआ होगा. यानी करीब डेढ़ साल में कंपनी की सेल्स 60 लाख रुपये सालाना से बढ़कर 11 करोड़ रुपये हो गई. इस तरह देखा जाए तो 2023 तक यानी करीब 18 महीनों में कंपनी की सेल्स 18 गुना बढ़ गई. अगर सेल्स के अनुपात में ही कंपनी का मुनाफा भी बढ़ा है तो नमिता और अमन के 75 लाख रुपयों कीमत अब 13 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है. इस बारे में नमिता थापर ने पिछले साल जून के महीने में एक पोस्ट शेयर की थी. 

नमिता ने अपने ट्विटर पर Bummer के फाउंडर और सीईओ Sulay Lavsi के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए बिजनेस अपडेट दिया. उन्होंने लिखा है- एक शार्क के तौर पर हम फाउंडर्स पर बाजी खेलते हैं. आज मैं बमर के सुले से मिली, यह वो एक फाउंडर है जिसने अपनी नेगोशिएशन स्किल से मेरा दिल जीत लिया था. जब शार्क टैंक इंडिया में वह पिच देने आए थे, तो उनकी सालाना सेल 60 लाख रुपये थी, जबकि अब वित्त वर्ष 2023 तक उनकी सेल्स बढ़कर 11 करोड़ रुपये हो गई है और मंथली रिकरिंग रेवेन्यू लगभग 2 करोड़ रुपये है.