Business Idea: केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. ठेले पर मिलने वाले जूस से लेकर पैकेज्ड पेय पदार्थों में प्लास्टिक स्ट्रॉ काम आती है. प्लास्टिक स्ट्रॉ के इस्तेमाल पर बैन लगने से पेपर स्ट्रॉ (Paper Straw) की मांग में जबरदस्त तेजी आई है. बाजार में पेपर स्ट्रॉ की बढ़ती मांग की वजह से इसकी मैन्युफैक्चरिंग एक बड़ा बिजनेस का रूप लेता जा रहा है. ऐसे में Paper Straw मेकिंग बिजनेस एक बेहतर विकल्प हो सकता है और इससे लाखों में कमाई की जा सकती है.

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खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) पेपर स्ट्रॉ यूनिट पर एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, Paper Straw बनाने का बिजनेस शुरू करने से पहले सरकार से अप्रूवल और रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए GST रजिस्ट्रेशन, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन (वैकल्पिक), प्रोडक्ट के ब्रांड नाम का विकल्प और अगर जरूरी हो तो नाम को ट्रेडमार्क के साथ सुरक्षित करें और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी(NOC) जैसे बेसिक चीजों की जरूरत पड़ेगी.

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Paper Straw का प्रोजेक्ट कॉस्ट

KVIC के मुताबिक, पेपर स्ट्रॉ मेकिंग बिजनेस का प्रोजेक्ट कॉस्ट 19.44 लाख रुपये है. इसमें से आपको अपनी जेब से सिर्फ 1.94 लाख रुपये लगाने हैं. बाकी 13.5 लाख रुपये का टर्म लोन  ले सकते हैं और वर्किंग कैपिटल के लिए 4 लाख रुपये को फाइनेंस करवा सकते हैं. यह बिजनेस 5 से 6 महीनों में शुरू हो जाएगा. बिजनेस शुरू करने के लिए आप पीएम मुद्रा लोन स्कीम से लोन ले सकते हैं.

पेपर स्ट्रॉ बनाने के लिए कच्चा माल

पेपर स्ट्रॉ के लिए कच्चा माल में तीन चीजों की जरूरत होती है. इसमें फूड ग्रेड पेपर (Food Grade Paper), फूड ग्रेथ गम पाउडर (Food Grade Gum Powder) और पैकेजिंग मैटेरियल की जरूरत है. इसके अलावा, एक पेपर स्ट्रॉ मेकिंग मशीन (Paper straw making machine) चाहिए होंगे, जिसकी कीमत करीब 900000 रुपये है. अन्य इक्विपमेंट्स पर करीब 50000 रुपये खर्च होंगे.

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पेपर स्ट्रॉ बनाने का तरीका

पेपर स्ट्रॉ एक से अधिक रंगों के एक रंग में हो सकता है. रंग की जरूरत के अनुसार, मशीन के रोलर स्टैंड पर पेपर रोल लगाए जाते हैं. जिसके बाद मशीन दोनों को मिलाकर स्ट्रॉ बनाती है. पेपर को रोलर्स के माध्यम से फीड किया जाता है और ग्लूइंग सेक्शन में भेजा जाता है. कागज के कोनों पर फूड ग्रेड गोंद लगाया जाता है. इसके बाद, जरूरी डायमेंश के अनुसार रोलर्स के एक सेट के माध्यम से पेपर को रिमाइंडेड किया जाता है. स्ट्रॉ का इनर डायमीटर 4.7 मिमी से 20 मिमी तक अलग हो सकता है. पेपर स्ट्रिप को एक दूसरे के ऊपर ठीक से स्टिच जाता है और एक साथ चिपकाया जाता है. इसके बाद, स्ट्रॉ को कटिंग सेक्शन में डाला जाता है जहां कटर लगे होते हैं. स्ट्रॉ को जरूरी लंबाई के अनुसार काटा जाता है और डिब्बे में एकत्र किया जाता है. इसके बाद क्वांटिटी के हिसाब से इन्हें पैक करके डिस्पैच किया जाता है.

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कितनी हो सकती है कमाई

पेपर स्ट्रॉ (Paper Straw) मेकिंग बिजनेस में कमाई लाखों में हो सकती है. केवीआईसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप 75 फीसदी क्षमता के साथ पेपर स्ट्रॉ बनाने का काम शुरू कर करते हैं तो आपकी ग्रॉस सेल 85.67 लाख रुपये होगी. इसमें सारे खर्चे और टैक्स निकालने के बाद सालाना 9.64 लाख रुपये की कमाई होगी. यानी हर महीने 80,000 रुपये से ज्यादा इनकम होगी.

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