Business Idea: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के सत्यपाल सिंह एक प्रगतिशील किसान थे. एग्रीकल्चर में स्नातक करने के बाद उन्होंने नौकरी के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन वे अच्छी नौकरी पाने में असफल रहे. इसके बाद वे खेती-किसानी में जुट गए. आय बढ़ाने के लिए  उन्होंने कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Murga) के साथ पोल्ट्री फार्मिंग (Poulty Farming) का काम शुरू किया. पोल्ट्री फार्मिंग से उनकी किस्मत चमकी और अब वे लाखों में कमा रहे हैं.

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पोल्ट्री फार्म का काम शुरू करने से पहले उन्होंने दो महीने की ट्रेनिंग ली. खेती करते समय जब उन्हें एग्री-क्लीनिक एंड एग्री-बिजनेस सेंटर योजना के बारे में पता चला तो वे इसमें शामिल हो गए. वे CARD, मुजफ्फरनगर में आयोजित आंत्रप्न्योर ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हो गए. यहां से ट्रेनिंग लेकर उन्होंने सत्यपाल पोल्ट्री फॉर्म की शुरुआत की.

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आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Murga) दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है. इसका सबसे ज्‍यादा कारोबार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किया जाता है. आदिवासी इलाके में इसे काली मासी कहा जाता है. इसका मांस सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. औषधीय गुणों के चलते कड़कनाथ मुर्गे की बहुत मांग रहती है. कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी का रंग काला, मांस काला और खून भी काला होता है. 

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एक साल में 25 लाख रुपये की कमाई

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट के मुताबिक, सत्यपाल के पोल्ट्री फार्म का टर्नओवर 25 लाख रुपये है. उनके साथ 10 गांवों के 150 से ज्यादा किसान जुड़े हैं. पोल्ट्री फार्मिंग, लोकल ब्रीड के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री और कंसल्टेंसी का काम करते हैं.

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