Funding Winter के बीच एक और Startup ने बंद किया Business, करीब 150 लोगों की चली गई नौकरी
पिछले कुछ सालों में बाई नाउ, पे लेटर की सुविधा ने लोगों को खूब लुभाया. यही वजह है कि इससे जुड़े कई सारे नए स्टार्टअप भी शुरू हो गए. ऐसा ही एक स्टार्टअप (Startup) है जेस्टमनी (ZestMoney), जो लोगों को बाई नाउ, पे लेटर की सुविधा देता है. खबर आ रही है कि यह स्टार्टअप अपना बिजनेस ही बंद करने जा रहा है.
पिछले कुछ सालों में बाई नाउ, पे लेटर की सुविधा ने लोगों को खूब लुभाया. यही वजह है कि इससे जुड़े कई सारे नए स्टार्टअप भी शुरू हो गए. ऐसा ही एक स्टार्टअप (Startup) है जेस्टमनी (ZestMoney), जो लोगों को बाई नाउ, पे लेटर की सुविधा देता है. खबर आ रही है कि यह स्टार्टअप अपना बिजनेस ही बंद करने जा रहा है. कंपनी के नए मैनेजमेंट ने इस बिजनेस को फिर से जिंदा करने की पूरी कोशिश की, लेकिन बिजनेस बचा नहीं सके. वहीं इस बिजनेस के बंद होने की एक वजह नियामकीय अनिश्चितताएं भी हैं. इससे करीब 150 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा.
150 से भी ज्यादा कर्मचारियों की गई नौकरी
कंपनी की तरफ से 5 दिसंबर को एक टाउनहॉल किया गया था. इसमें कर्मचारियों को बताया गया था कि कंपनी अपना बिजनेस बंद कर रही है. इसके चलते कंपनी 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. हालांकि, जब तक बिजनेस बंद होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक लीगल और फाइनेंस टीम को बनाए रखा जाएगा. एक वक्त ऐसा भी था जब ZestMoney का वैल्यूएशन 40 करोड़ डॉलर यानी करीब 3333 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा था.
फाउंडर्स के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ बुरा दौर
कंपनी का बुरा वक्त तब शुरू हुआ, जब कंपनी के फाउंडर्स ने इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद कंपनी की जिम्मेदारी नए मैनेजमेंट और निवेशकों पर आ गई, जो कंपनी को संभाल नहीं पाए. खुद को बचाने के लिए इस कंपनी ने फोनपे से अधिग्रहण करने को लेकर भी बात की, लेकिन बाद में फोनपे भी कंपनी के अधिग्रहण से पीछे हट गया. और फिर हालात खराब होते चले गए. जेस्टमनी के नए मैनेजमेंट ने कंपनी के बिजनेस को फिर से जिंदा करने के लिए 'ZestMoney 2.0' नाम से एक नई योजना भी शुरू की थी, लेकिन वह भी फ्लॉप रही.
निकाले जा रहे कर्मचारियों को मिल रही क्या मदद?
बिजनेस बंद होने की वजह से कंपनी की तरफ से 150 कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. इन कर्मचारियों को 2 महीने की अतिरिक्त सैलरी दी जा रही है और साथ ही दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में मदद की जा रही है. कंपनी के कर्मचारियों ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर 'ओपन टू वर्क' का टैग भी लगा लिया है.
2016 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
जेस्टमनी की शुरुआत साल 2016 में लिजी चैपमैन, प्रिया शर्मा और आशीष अनंतरामन ने की थी. कंपनी के पास करीब 1.7 करोड़ ग्राहकों का बड़ा यूजरबेस था और कंपनी हर महीने करीब 400 करोड़ रुपये के लोन बांट रही थी. कंपनी के 27 लेंडिंग पार्टनर थे. साथ ही इस कंपनी ने 10 हजार ऑनलाइन ब्रांड्स और करीब 75 हजार ऑफलाइन स्टोर्स के साथ साझेदारी की हुई थी.