आलिया भट्ट ने अपने स्टार्टअप के शुरू के दो सालों तक नहीं जोड़ा था इससे अपना नाम, अब कंपनी की नजर UAE और यूरोप पर
आलिया ने 2020 में अपना फैशन डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर स्टार्टअप शुरू किया था. यह कंपनी उनका पहला आंत्रप्रेन्योरियल वेंचर है, जो किड्सवेयर और मैटर्निटीवेयर बनाता है.
बॉलीवुड एक्टर आलिया भट्ट अपना क्लोदिंग ब्रांड Ed-a-Mamma को अगले साल यूएई और यूरोप भी ले जा रही हैं. आलिया ने 2020 में अपना फैशन डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर स्टार्टअप शुरू किया था. यह कंपनी उनका पहला आंत्रप्रेन्योरियल वेंचर है, जो किड्सवेयर और मैटर्निटीवेयर बनाता है. उन्होंने कहा कि "मैं भारत के बाहर कंपनी का विस्तार करने और ब्रांड में नई कैटेगरीज़ ऐड करने पर फोकस करना चाहती हूं. हमने किड्सवेयर ब्रांड की तरह शुरुआत की थी और इस साल मैटर्निटी वेयर लॉन्च किया है. मैं इन्फेंट सेगमेंट में भी बढ़ना चाहती हूं. फैमिली केयर को लेकर भी और स्पेस बनाना चाहते हैं." इंटरनेशनल बिजनेस प्लान क्या है, इसपर आलिया ने कहा कि "यूएई हमारे लिस्ट में सबसे ऊपर है. उसके शुरू होने के बाद लगता है कि अगले साल तक हम यूएई में जम जाएंगे और उसके बाद यूरोप में शुरुआत कर सकते हैं. फिर हो सकता है कि उसके एक साल बाद बाकी दुनिया पर फोकस लाएं."
क्या है कंपनी का विजन, और आलिया का फोकस क्या है?
आलिया भट्ट ने Ed-a-Mamm की शुरुआत अक्टूबर, 2020 में की थी. आलिया का कहना है कि ऐसा कोई घरेलू ब्रांड नहीं था जो वर्ल्ड क्लास ब्रांड हो और बच्चों के लिए सस्टेनेबल क्लोदिंग बना रहा हो. कंपनी के कपड़े FirstCry, AJIO, Myntra जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अवेलबल हैं. आलिया की कंपनी में 60 लोग काम करते हैं. Ed-a-Mamma 160 ऑप्शंस के साथ शुरू हुआ था और अब इसमें 1,800 ऑप्शंस हैं, जो कि कंपनी की अपनी फैसिलिटी पर डिजाइन और मैन्युफैक्चर किए गए हैं.
आलिया ने बताया कि उन्होंने दो सालों तक अपना नाम ब्रांड के नाम से नहीं जोड़ा था क्योंकि वो देखना चाहती थीं कि प्रॉडक्ट्स अपने दम पर बिकते हैं या नहीं. उन्होंने बताया कि "पिछले तीन महीनों में हमारा सेल 10 गुना बढ़ा है. हम रिटेल में घुस रहे हैं. हमने Lifestyle और Shoppers Stop के साथ पार्टनरशिप की है. इस महीने के अंत तक 40 आउटलेट्स में हमारे कपड़े मिलेंगे."
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सस्टेनेबल और ऑर्गेनिक फैशन बेस्ड अपने ब्रांड को लेकर आलिया ने कहा कि "आप बच्चों में निवेश करते हैं, ताकि आप उन्होने प्लेनेट को लेकर सेंसेटिव बना सकें. ताकि आने वाली जेनरेशन वैल्यू को ऊपर रखे. स्टोरी टेलिंग को ये सारे पहलू साथ लेकर चलने चाहिए. रिटेल जहां इसका एक हिस्सा है, एजुकेशन और स्टोरीटेलिंग इसके कुछ दूसरे हिस्से हैं. यह एक ऐसी जिसे मैं अपने फोकस में रखना चाहती हूं."
03:59 PM IST