North East Express Train Accident: आखिर क्यों पटरी से उतर जाती है ट्रेन? एक नहीं कई वजहें हैं इसकी
ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ट्रेन के डीरेल होने के मामले कई बार सामने आए हैं. जबकि जिस तरह से पहियों की बनावट होती है, उसमें ट्रेन का पटरी से उतरना आसान नहीं होता. फिर आखिर ये हादसा क्यों होता है?
बुधवार की रात बक्सर जिले के रघुनाथपुर स्टेशन के पास एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया. हादसे के दौरान नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस (12506) के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में फिलहाल 4 लोगों की मौत और 50 लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है. ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ट्रेन के डीरेल होने के मामले सामने आते रहे हैं. जबकि जिस तरह से पहियों की बनावट होती है, उसमें ट्रेन का पटरी से उतरना आसान नहीं होता. फिर आखिर बार-बार क्यों ये घटनाएं सामने आ रही हैं. आखिर क्या है ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह.
इन वजहों से पटरी से उतरती है ट्रेन
- ट्रेन के पटरी से उतरने की एक वजह नहीं, बल्कि कई वजहें हैं. सबसे मुख्य कारण रेलवे ट्रैक पर मैकेनिकल फॉल्ट यानी रेलवे ट्रैक पर लगने वाले उपकरण का खराब हो जाने को माना जाता है.
- इसके अलावा ये हादसे उस वक्त होते हैं, जब पटरियों पर दरार पड़ जाती हैं. वहीं ट्रेन के डिब्बों को बांध कर रखने वाले उपकरण का ढीला होना भी इसका एक कारण हो सकता है.
- एक्सेल जिस पर ट्रेन की बोगी रखी होती है, उसका टूटना भी ट्रेन के डीरेल होने की एक संभावित वजह हो सकता है.
- लगातार चलते रहने के कारण ट्रेन की पटरियों से पहियों का घिस जाना भी ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह हो सकता है.
- गर्मी के मौसम में पटरियों के स्ट्रक्चर में कई बार बदलाव आ जाता है. इसके अलावा तेज चलती ट्रेन को तेज स्पीड से मोड़ना या फिर ब्रेक लगा देना भी ट्रेन के पटरी छोड़ने की वजह हो सकता है.
- इसे रोकने का एक ही तरीका है मरम्मत कार्य चलता रहे. थोड़ी भी गड़बड़ी नजर आने पर उसे तुरंत ठीक किया जाए.
कैसे रुकेंगे हादसे
ट्रेन के हादसों को रोकने के लिए ट्रेन की पटरियों का मरम्मत कार्य होते रहना बहुत जरूरी है. दरअसल तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण धातु से बनी रेल की पटरियां गर्मी के महीनों में फैलती हैं और सर्दियों में सिकुड़ती हैं. ऐसे में इन्हें नियमित रूप से रखरखाव की जरूरत होती है. जरा सी लापरवाही बड़े हादसे की वजह बन सकती है.
क्या कहती है रिपोर्ट
इस मामले में अगर 2022 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट को देखें तो साल 2022 की तुलना में 2021 में रेल दुर्घटनाओं में 38.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. रिपोर्ट के अनुसार, 17,993 दुर्घटनाओं में से 19.4 प्रतिशत महाराष्ट्र में हुई, इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर रहा है. ज्यादातर हादसों की बड़ी वजह ड्राइवर की गलती, रेलवे ट्रैक पर तोड़फोड़, सिग्नलमैन की लापरवाही और मशीनी खराबी आदि रहे हैं.
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