पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी से तैनात है रेलवे की 'तीसरी आंख', 2 साल में सॉल्व किए 800 से अधिक मामले
Facial Recognition Software: मुंबई डिवीजन के वेस्टर्न रेलवे ने यात्री सुरक्षा और सुविधा को मजबूती देते हुए अपने सबअर्बन नेटवर्क में करीब 3000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं जिसमें से 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरे फैसियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर से लैस है.
Facial Recognition Software: मुंबई डिवीजन के वेस्टर्न रेलवे ने यात्री सुरक्षा और सुविधा को मजबूती देते हुए अपने सबअर्बन नेटवर्क में करीब 3000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं जिसमें से 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरे फैसियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर से लैस है. पिछले 2 सालों में आरपीएफ ने इस सिस्टम की मदद से 800 से अधिक केसेज सॉल्व किए है और करीब 44 लाख की संपत्ति जब्त कर यात्रियों को लौटाए है.
क्या है FRS सिस्टम?
फैसियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर या FRS के जरिए अपराधियों को आइडेंटिफाई कर उन्हे पुराने डेटाबेस से मैच कर रियल टाइम आधार पर अपराध को रोकने के लिए काम आता है, और यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के काम आता है.
कैसे काम करता हैं सॉफ्टवेयर
FRS एक डिजिटल डिटेक्टिव की तरह काम करता है, जो की आरपीएफ के डाटा के साथ लोगों के फोटोज को स्कैन कर आरपीएफ को अलर्ट जारी करता है. इसके डाटा में कई चीजों का ध्यान रखता है, जिसमें अपराधी के चेहरे से लेकर उसकी आंखें ,माथा, होठ सब स्कैन कर एक यूनिक इमेज तैयार करता हैं और सारी एनफोर्समेंट एजेंसी को अलर्ट कर क्राइम रोकने और सॉल्व करने में मदद करता हैं. वेस्टर्न रेलवे कॉरिडोर पर करीब 470 कैमरा हैं, जो FRS से लैस हैं.
कितने लोगों का डाटा इसमें शामिल है?
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FRS में अभी 11,000 से अधिक लोगों के डाटा शामिल है जिनमें उनके फेस बायोमैट्रिक्स और कई अन्य चीजें शामिल है. सेंट्रल रेलवे की सीपीआरओ डॉक्टर स्वप्निल नीला ने बताया कि इसी तरह का सिस्टम सेंट्रल रेलवे के दादर, सीएसएमटी, एलटीटी, कुर्ला, ठाणे, पुणे, मिराज, नागपुर डिवीजन के 1 स्टेशन, भुसावल डिवीजन के 8 स्टेशनों पर उपलब्ध है, इस सिस्टम से बड़ पैमाने पर पैसेंजर्स की सिक्योरिटी सुनिश्चित की जाती है.
ऑपरेशन यात्री सुरक्षा में लगे 3 हजार से अधिक कैमरे
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, RPF ने यात्रियों के सामान की चोरी की समस्या को रोकने के लिए विशेष प्रयास किया है. ऑपरेशन यात्री सुरक्षा को गति देते हुए, पश्चिम रेलवे ने यात्रियों के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए 3912 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिसमें इनबिल्ट फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) से लैस 488 कैमरे शामिल हैं. इनमें अपराधियों के विवरण के साथ उनकी तस्वीरें भी हैं, जिन्हें सिस्टम में अपलोड किया जाता है. जनवरी और फरवरी 2024 के महीनों में, पश्चिम रेलवे की आरपीएफ ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से यात्रियों के खिलाफ अपराध करने वाले 121 आरोपियों को पकड़ा है और लगभग रु. 44 लाख मूल्य की संपत्ति बरामद की है.
ठाकुर ने आगे बताया कि चौकस और सतर्क आरपीएफ अधिकारियों ने चोरी और डकैती जैसे कई यात्री-संबंधी अपराधों में अपराधियों को पकड़ा है और यात्रियों के सामान जैसे मोबाइल फोन, नकदी से भरे बैग, कीमती सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेज, पर्स आदि बरामद करने में मदद की है. इसके बाद, इसमें शामिल असामाजिक तत्वों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जीआरपी को सौंप दिया गया.
09:29 PM IST