फॉर्म-16 नौकरी करने वालों के लिए आखिर क्यों है जरूरी? यहां जानिये पूरी डीटेल
अगर फॉर्म 16 में कोई वेरिएशन होता है तो इसके लिए कंपनी का वह संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होता है जिन्होंने टैक्स काटा है. इसके लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं होता है.
फॉर्म 16 के आधार पर ही आईटीआर फाइल की जाती है. (ज़ी बिज़नेस)
फॉर्म 16 के आधार पर ही आईटीआर फाइल की जाती है. (ज़ी बिज़नेस)
आपको फॉर्म 16 (Form 16) के बारे में कई बार सुनने को मिलता है. आखिर यह फॉर्म 16 क्या होता है? इसकी क्या जरूरत है? ऐसे सवालों को समझना जरूरी है. अगर आपकी इनकम सैलरी से है यानी आप नौकरी करते हैं तो आप हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं और उसमें फॉर्म 16 की जरूरत होती है. दरअसल, यह एक तरह से नौकरीपेशा के लिए सबसे खास इनकम सर्टिफिकेट में से एक है.
क्या है फॉर्म 16
किसी भी कंपनी या एम्प्लॉयर को इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, सैलरी पेमेंट करते समय उस फाइनेंशियल वर्ष के लिए इनकम टैक्स स्लैब रेट के मुताबिक टीडीएस (TDS) की कटौती करनी होती है. कंपनियां, कर्मचारी की अनुमानित कमाई और इन्वेस्टमेंट के आधार पर उनपर लगने वाले टैक्स कैलकुलेशन, शुरू में या साल के दौरान करती हैं.
चार्टर्ड अकाउंटेंट कैलाश गोदुका बताते हैं कि फॉर्म 16 से यह पता चलता है कि सालभर में कितनी टीडीएस कटा है. किस आइटम में कितना टैक्स काटा गया है? आपने कितनी सेविंग्स की है, यह पता चलता है. इसी के आधार पर आपकी आईटीआर सबमिट होती है. इनकम टैक्स भी फॉर्म 16 को ही बेस मानता है कि आपकी जो घोषित इनकम है, वह फॉर्म 16 में है या नहीं.
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(रॉयटर्स)
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसमें कोई वेरिएशन होता है तो इसके लिए कंपनी का वह संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होता है जिन्होंने टैक्स काटा है. इसके लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं होता है. कंपनियों को आमतौर पर उस फाइनेंशियल वर्ष की 31 मई या उससे पहले अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करना होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में तारीख में बदलाव भी हो सकता है.
दो भागों में बंटा होता है फॉर्म 16
फॉर्म 16 दो भागों में होता है. एक पार्ट ए और पार्ट बी. पार्ट ए में कर्मचारी की तरफ से कंपनी की तरफ से सरकार के अकाउंट में जमा कराए टैक्स की जानकारी होती है. यह एक सर्टिफिकेट है कि कंपनी ने कर्मचारी से काटा गया टैक्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा कराया है. पार्ट बी एक पूरा स्टेमेंट है जिसमें पेमेंट के बार में पूरी जानकारी होती है. यह कर्मचारी के द्वारा हुई आय और उसपर टैक्स छूट या कटौती की जानकारी देता है.
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दो तरह के होते हैं फॉर्म 16
यह दो तरह के होते हैं. एक-फॉर्म 16ए और दूसरा फॉर्म 16बी. फॉर्म 16ए सैलरी के अलावा दूसरे इनकम पर लागू TDS का टीडीएस सर्टिफिकेट है. फॉर्म 16ए में TDS काटने वाले का नाम, पता, पैन कार्ड डीटेल, TAN और जा कराए TDS के चालान की डीटेल होती है. फॉर्म 16बी प्रॉपर्टी बिक्री पर काटे गए टैक्स का TDS सर्टिफिकेट है और यह बताता है कि खरीदार की तरफ से प्रॉपर्टी पर काटी गई TDS अमाउंट डिपार्टमेंट में जमा कराई गई है.
01:52 PM IST