इन दिनों अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की एक रिपोर्ट पर देश में बवाल मचा हुआ है. शनिवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है. हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अडानी मामले में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड्स (Offshore Funds) में हिस्सेदारी का आरोप लगाया है. 

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Hindenburg की रिपोर्ट के मुताबिक, माधबी पुरी बुच और उनके पति  धवल बुच ने बरमूडा और मॉरीशस (Bermuda and Mauritius) Offshore Funds में हिस्सेदारी रखी थी, जिनका इस्तेमाल अडानी ग्रुप (Adani Group) की ओर से किया गया था.  लेकिन क्‍या आपको पता है कि ये ऑफशोर फंड होते क्‍या हैं और कैसे काम करते हैं?

जानिए क्‍या हैं ऑफशोर फंड्स (What is Offshore Funds)

ऑफशोर फंड्स विदेशी बाजार में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीम है, जो किसी स्पेशल सेक्टर या कंपनियों या नियमित आय की सिक्योरिटीज में निवेश करती है. इसे इंटरनेशनल फंड्स भी कहा जाता है. कोई भारतीय नागरिक इन स्कीम में भारतीय रुपयों में ही निवेश कर सकता है. किसी अन्‍य स्‍कीम की तरह आप इसमें भी स्‍कीम का चुनाव कर सकते हैं और इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

कैसे काम करते हैं ऑफशोर फंड्स (How do Offshore Funds work)

ऑफशोर फंड्स भारतीय निवेशकों के प्रतिनिधि के रूप में इंटरनेशनल मार्केट में पैसा लगाते हैं. ये या तो सीधेतौर पर विदेशी कंपनी के शेयर्स में इन्‍वेस्‍ट करते हैं या फिर किसी अन्‍य विदेशी म्‍यूचुअल फंड्स में पैसा लगाते हैं. किसी फंड द्वारा अन्य फंड्स में निवेश को फीडर रूट कहा जाता है. भारत में मौजूद ऑफशोर फंड्स में देश आधारित, क्षेत्र आधारिक और थीम आधारित फंड्स उपलब्ध हैं जैसे- अमेरिका, ब्राजील या यूरोप में निवेश करने वाले फंड्स और  रीयल एस्टेट, खपत, एनर्जी जैसी थीम्स पर निवेश करने के लिए भी स्कीम मौजूद हैं.

क्‍या होती है ऑफशोर बैंकिंग (What is Offshore Banking)

ऑफशोर बैंकिंग (Offshore Banking) आपके देश से बाहर होती है. इसका इस्‍तेमाल ज्‍यादातर उन बिजनेस में होता है जो इंटरनेशनल लेवल पर काम करते हैं. ऑफशोर बैंक अकाउंट के जरिए आप फॉरेन करंसी से भी आसानी से बिजनेस कर सकते हैं. ऑफशोर बैंकिंग आपको किसी दूसरे देश द्वारा दिए जाने वाली फाइनेंशियल सिक्‍योरिटी और टैक्‍स बेनिफिट्स वगैरह का भी फायदा लेने की परमीशन देती है.

क्‍या है हिंडनबर्ग रिसर्च ( What is Hindenburg Research)

हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिकी रिसर्च कंपनी है. इसकी शुरुआत नेट एंडरसन नाम के अमेरिकी नागरिक ने की थी. ये कंपनी 2017 से काम कर रही है. इसका नाम न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप एक्सीडेंट के नाम पर रखा गया है. ये कंपनी फॉरेंसिक फाइनेंस रिसर्च, वित्तीय अनियमितताओं की जांच और विश्लेषण, अनैतिक कारोबारी तरीकों और गुप्त वित्तीय मामलों और लेनदेन से संबधिंत जांच करती है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने दिसंबर 2017 से लेकर अब तक, कुल मिलाकर 63 कंपनियों के खिलाफ करीब 70 रिपोर्ट जारी की हैं. इनमें से अधिकतर कंपनियों को रिपोर्ट आने के बाद तगड़ा नुकसान हुआ.