हाल ही में मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी यूपीएस (UPS) की शुरुआत की है. इसे नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) यानी एनपीएस (NPS) से काफी बेहतर बताया जा रहा है. कई लोग तो इसकी तुलना ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) के साथ भी कर रहे हैं. वैसे तो खुद अश्विनी वैष्णव ने भी इस स्कीम की तमाम जानकारियां लोगों को बताने की पूरी कोशिश की है, लेकिन अभी भी लोगों में कई तरह के कनफ्यूजन हैं. सबसे ज्यादा लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर पुरानी पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में क्या-क्या अलग (UPS vs OPS) है. आइए जानते हैं.

1- पेंशन की कैलकुलेशन का तरीका

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यूपीएस और ओपीएस दोनों ही स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को पेंशन मिलते ही, लेकिन इसका कैल्कुलेशन का तरीका दोनों के लिए अलग-अलग होता है. यूपीएस में पिछले 12 महीने की बेसिक सैलरी का औसत निकाल कर उसका 50 प्रतिशत रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में दिया जाएगा। वहीं ओपीएस में आखिरी महीने की बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता था। इस तरह अगर कोई शख्स रिटायरमेंट से कुछ महीने पहले ही प्रमोट हुआ था और उसकी सैलरी बढ़ी थी, तो उसे यूपीएस में ओपीएस की तुलना में कम पेंशन मिलेगी, क्योंकि यूपीएस में 12 महीनों का औसत निकाला जाएगा.

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2- कर्मचारी का योगदान

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, जिस तरह एनपीएस में कर्मचारी को योगदान देना होता था, कुछ उसी तरह यूपीएस में भी वेतन का 10 प्रतिशत (बेसिक+डीए) कटेगा। हालांकि, इसमें सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत का होगा, जो कि पहले पहले 14 प्रतिशत था। अब वहीं दूसरी ओर अगर ओपीएस की बात करें तो उसमें कोई कटौती नहीं होती थी। यानी आपकी तरफ से कोई योगदान दिए बिना ही आपको पेंशन मिलती थी.

3- एकमुश्त रकम का पेंशन पर असर नहीं

यूपीएस में रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि का प्रावधान किया गया है. इसका कैलकुलेशन कर्मचारी के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा। इस एकमुश्त रकम से आपकी पेंशन की राशि पर कोई असर नहीं होगा. देखा जाए तो यह ओपीएस की तुलना में बेहतर है. ओपीएस में आप रिटायरमेंट के वक्त जो भी पैसा एकमुश्त लेते थे, वह दरअसल आपके पेंशन के पैसों से कम होता था. इससे आपको हर महीने मिलने वाली पेंशन कम हो जाती थी. 

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4- यूपीएस में अधिक न्यूनतम पेंशन

यूपीएस में इस बात की गारंटी की जा रही है कि अगर किसी ने 10 साल तक सरकारी नौकरी की है तो उसे रिटायरमेंट के बाद कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन तो मिलेगी है. वहीं दूसरी ओर, सरकार के पेंशनधारकों के पोर्टल के अनुसार अभी 10 साल की सेवा के बाद न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये प्रति महीने के हिसाब से मिल रही है.