Tax Rules: किन गिफ्ट्स पर आपको देना पड़ सकता है इनकम टैक्स और कौन से गिफ्ट होते टैक्स फ्री? समझ लीजिए
क्या आपको पता है कि आपको जो गिफ्ट मिल रहे हैं, उनसे भी टैक्स के कुछ नियम जुड़े हुए हैं. कौन का गिफ्ट टैक्स के दायरे में आएगा और कौन सा नहीं, ये इस पर निर्भर करता है कि आपको गिफ्ट किससे मिला है और कितनी कीमत का मिला है.
Income Tax Rules on Gifts: दिवाली या होली का त्योहार हो या फिर घर में बर्थडे, सगाई, शादी जैसे मौके हों, गिफ्ट देने और लेने का सिलसिला चलता ही रहता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आपको जो गिफ्ट मिल रहे हैं, उनसे भी टैक्स के कुछ नियम जुड़े हुए हैं. आपको किसने गिफ्ट दिया है और कितनी कीमत का उपहार दिया है, उस पर निर्भर करता है कि कौन सा गिफ्ट टैक्स के दायरे में आएगा और कौन सा दायरे से बाहर रहेगा. ज्यादातर लोगों को गिफ्ट पर लगने वाले इनकम टैक्स के नियमों की जानकारी नहीं है. आइए बताते हैं.
इन गिफ्ट्स को टैक्सेबल इनकम में गिना जाता है
अगर आपके दोस्त या परिचित या कोई ऐसे शख्स आपको गिफ्ट देते हैं, जिनसे आपका कोई ब्लड रिलेशन नहीं है, तो उनके गिफ्ट टैक्स के दायरे में आते हैं. हालांकि हर गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है. अगर आपके मित्र या परिचित आपको गिफ्ट के तौर पर 50 हजार से ज्यादा कैश दें, जमीन या मकान, शेयर, ज्वेलरी, पेंटिंग, मूर्ति आदि ऐसी चीज गिफ्ट करें, जिसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा हो, तो इसे टैक्सेबल इनकम में गिना जाता है. इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में देना जरूरी है. टैक्स गणना के बाद अगर टैक्स देनदारी बनती है, तो आपको वो टैक्स चुकाना पड़ता है.
इन गिफ्ट पर नहीं लगता है टैक्स
आपके सगे संबन्धी और करीबी रिश्तेदार गिफ्ट दें, तो उन पर टैक्स नहीं लगता है. पति-पत्नी, भाई-बहन, पति/पत्नी का भाई या बहन यानी साली, ननद, देवर, साला, माता/पिता के भाई या बहन यानी मौसी, मामा, बुआ, चाचा, दादा-दादी या नाना-नानी, पति/पत्नी के दादा-दादी या नाना-नानी, बेटा या बेटी और भाई/बहन का पति या पत्नी को सगे संबन्धी की लिस्ट में रखा जाता है. अगर ये आपको गिफ्ट दें तो वो टैक्स के दायरे में नहीं आता है. चाहे उनकी कीमत 50 हजार से ज्यादा ही क्यों न हो.
ये नियम भी अच्छे से समझ लें
- पति-पत्नी में गिफ्ट के लेन-देन पर टैक्स नहीं होता क्योंकि गिफ्ट लेन-देन से होने वाली आय इनकम क्लबिंग के दायरे में आती है.
- प्रॉपर्टी,शेयर,बॉन्ड,गाड़ी आदि अगर सगे संबन्धियों से मिले तो टैक्स फ्री, अगर दोस्तों या परिचितों से मिलें तो इन पर टैक्स लगता है.
- शादी पर मिलने वाला गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है, जबकि एम्प्लॉयर से मिलने वाला गिफ्ट टैक्स के दायरे में आता है.
- दोस्तों या परिचितों से एक साल में 50 हजार तक की कीमत का गिफ्ट मिले तो उसे टैक्स फ्री रखा गया है, 50 हजार से ज्यादा कीमत होने पर टैक्स देना होता है.
- सगे संबन्धी रिश्तेदारों से मिली संपत्ति पर टैक्स की देनदारी नहीं होती है, लेकिन उस संपत्ति को बेचने पर टैक्स देना होता है.
- वसीयत में मिली प्रॉपर्टी पर टैक्स नहीं होता, लेकिन इस प्रॉपर्टी को बेचने पर टैक्स देना होता है.