सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, अब 4 महीने के भीतर चुन सकते हैं बढ़ी हुई पेंशन का विकल्प
Enhanced Pension Coverage: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 में उन शर्त को निरस्त कर दिया जिसमें कर्मचारी के लिए 15,000 रुपए प्रति माह से अधिक के वेतन का 1.16% योगदान अनिवार्य किया गया था.
Enhanced Pension Coverage: जिन कर्मचारियों ने अभी तक 2014 से पहले बढ़ी हुई पेंशन कवरेज का विकल्प नहीं चुना है, वे अब अगले 4 महीनों के भीतर अपने नियोक्ताओं के साथ संयुक्त रूप से ऐसा कर सकते हैं. यह कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 (Employees' Pension (Amendment) Scheme, 2014) को बरकरार रखा है जिसके बाद 2014 से पहले विस्तारित पेंशन कवरेज (Enhanced Pension Coverage) को न अपनाने वाले पात्र कर्मचारी भी अगले 4 महीने में इसका हिस्सा बन सकते हैं.
कर्मचारियों को मिलेगा अब ज्यादा लाभ
इस फैसले के बाद 1 सितंबर 2014 तक ईपीएस (EPS) के मौजूदा सदस्य रहे कर्मचारी अपने 'वास्तविक' वेतन का 8.33% तक योगदान दे सकते हैं. पहले वे पेंशन-योग्य वेतन का 8.33% योगदान ही दे पाते थे और इसकी भी अधिकतम सीमा 15,000 रुपए प्रतिमाह तय थी. लेकिन अब कर्मचारी इस योजना में अधिक योगदान दे सकेंगे और अधिक लाभ भी पा सकेंगे.
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इसके साथ ही कोर्ट ने 2014 के संशोधनों में उन शर्त को शुक्रवार को निरस्त कर दिया जिसमें कर्मचारी के लिए 15,000 रुपए प्रति माह से अधिक के वेतन का 1.16% योगदान अनिवार्य किया गया था. कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि सरकार पेंशन फंड ईपीएफओ (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड के न्यासियों की असाधारण बैठक बनाए ताकि शीर्ष अदालत के आदेश को जल्द लागू किया जा सके.
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अगस्त 2014 में पेंशन योजना में संशोधन करते हुए पेंशनयोग्य वेतन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपए प्रति माह कर दी गई थी जो पहले 6,500 रुपए प्रति माह थी. इससे सदस्य और उनके नियोक्ता के लिए वास्तविक वेतनों का 8.33% योगदान संभव हो सका.