किस्सा-ए-कंज़्यूमर: इश्क का झांसा और अकाउंट पर डाका, डेटिंग ऐप वाले फ्रॉड की डरावनी कहानी
Qissa-e-Consumer: अचानक वो बड़े नाटकीय तरीके से अपनी प्रेमिका को बताता है कि उसके परिवार से कुछ लोगों की पुरानी रंजिश है जिनकी वजह से वो बड़ी मुश्किल में घिर गया है, उसे फौरन कुछ पैसों की ज़रूरत है.
इश्क़ इक ‘मीर’ भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना-तवाँ से उठता है- मीर तक़ी मीर
(ना-तवाँ- कमज़ोर)
पिछले हफ्ते Netflix पर एक फिल्म देखी- Tinder Swindler. कहानी है एक बहुत बड़े धोखेबाज़ की. ऐसा हैंडसम धोखेबाज़ जो डेटिंग वेबसाइट्स पर प्रोफाइल बनाकर अपना शिकार खोजता है. Right Swipe करने वाली लड़कियों को वो महंगे रेस्टोरेंट्स में बुलाता है, चार्टर्ड प्लेन में घुमाता है, बेशकीमती तोहफ़े देता है. उन्हें बताता है कि वो इज़रायल का अरबपति हीरा कारोबारी है और काम के सिलसिले में उसे लगातार हवाई यात्राएं करनी होती हैं. लड़कियों पर उसकी बेशुमार दौलत, हाई-क्लास लाइफस्टाइल और प्यार भरी बातों का जादू चल जाता है और वो उसके साथ ज़िंदगी गुज़ारने के ख़्वाब संजोने लगती हैं. व्हॉट्सऐप चैट के ज़रिए इश्क़ परवान चढ़ता है और बात शादी और होम स्वीट होम की होने लगती है. जब आपको लगता है कि अब सब कुछ सुनहरे भविष्य की तरफ बढ़ रहा है तभी चीजें रंग बदलने लगती हैं. अचानक वो बड़े नाटकीय तरीके से अपनी प्रेमिका को बताता है कि उसके परिवार से कुछ लोगों की पुरानी रंजिश है जिनकी वजह से वो बड़ी मुश्किल में घिर गया है, उसे फौरन कुछ पैसों की ज़रूरत है. वो करके हज़ारों डॉलर्स की मांग करता है और यकीन दिलाता है कि बस कुछ दिनों की बात है. उसकी ऐश भरी लाइफस्टाइल देखकर उसकी रईसी से आश्वस्त प्रेमिका उधार ले-लेकर उसकी मांग पूरी करती है. इमरजेंसी का हवाला देकर कई बार पैसों की मांग होती है. जब प्रेमिका लाखों डॉलर्स के कर्ज में डूब जाती है और सामने वाले की असलियत खुलने लगती है तो मामला पुलिस के पास पहुंचता है. अब पता चलता है कि वो तो पेशेवर फ्रॉड है जिसका धंधा ही है लड़कियों को इश्क के जाल में फंसाना और लाखों करोड़ों लेकर गायब हो जाना. नेटफ्लिक्स के मुताबिक, ये एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म है जो इज़रायली जालसाज शिमोन हायूत की सच्ची कहानी पर आधारित है. आखिरकार शिमोन का शिकार हुई कुछ लड़कियां बदला लेने ठानती हैं और वो जालसाज़ पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है. लेकिन, जिन लड़कियों को उसने आर्थिक और भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाई वो अब भी उस सदमे से उबरने की कोशिश कर रही हैं.
बड़े धोखे हैं इस राह में....
ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है- जिगर मुरादाबादी