नहीं-नहीं. ये उसका पहला सवाल नहीं था. उसे पता था कि मैं क्रेडिट कार्ड यूज करता हूं. और वो भी देश के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी बैंक का क्रेडिट कार्ड. आवाज लड़की की थी. भाषा हिंग्लिश. लहजा बिल्कुल साफ. कॉन्फिडेंस सौ फीसदी. भाव बिल्कुल वैसा ही उदासीन और मशीनी जैसा आपकी शिकायतें सुनते कस्टमर केयर एक्जिक्यूटिव का होता है. मतलब 'ये तो आपका ही काम है, मुझे क्या' वाली टोन. लेकिन, उसकी एक लाइन सुनते ही राज खुल गया. समझ में आ गया कि इस कॉल में कुछ काला है.

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'सर, मीता बोल रही हूं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया क्रेडिट कार्ड डिवीजन से.'

'जी बोलिए.'

'सर, आप जो एसबीआई क्रेडिट कार्ड यूज कर रहे हैं उसे यूज करने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं आ रही?'

'नहीं नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं'

'ओके सर, बताना चाहूंगी कि आप जो क्रेडिट कार्ड यूज कर रहे हैं उसमें रिवॉर्ड प्वाइंट जनरेट हो चुके हैं 9485 रुपए के. इसे आपने अब तक रिडीम नहीं किया है. कोई प्रॉब्लम आ रही है या जानकारी नहीं थी?'

ये बहुत ही स्मार्ट तरीके से पूछा गया सवाल था. लेकिन, मैं चूंकि रिवॉर्ड प्वॉइंट वाली धोखाधड़ी से वाकिफ था, लिहाजा फौरन समझ गया कि ये मोहतरमा चाहती क्या हैं. फिर भी कन्फर्म होने के लिए मैंने अंजान बनते हुए बातचीत आगे बढ़ाई. 

'जी, मुझे जानकारी नहीं थी. ये रिवॉर्ड प्वॉइंट कैसे जनरेट होते हैं? कार्ड को इस्तेमाल करने से या फिर वैसे ही?'

'सर, ट्रांजैक्शन से तो होते ही हैं, लेकिन अगर यूजर के तौर पर आपका रिकॉर्ड अच्छा है तो वैसे भी रिवॉर्ड प्वॉइंट जुड़ते रहते हैं'

'वाह, ये तो बड़ी अच्छी बात है. तो अब मुझे क्या करना होगा?'

'सर, ये प्वॉइंट बैंक की तरफ से आपको पूरी तरह फ्री दिए जाते हैं. 1 प्वॉइंट की वैल्यू होती है 1 रुपए. आप चाहें तो इस 9485 रुपए के शॉपिंग वाउचर या फूड वाउचर ले सकते हैं और चाहें तो अगले बिल में इतना पैसा एडजस्ट करा सकते हैं. वाउचर लेंगे तो अगले 3 महीने के भीतर इस्तेमाल करना होगा'

उसकी बातचीत का अंदाज ऐसा सधा हुआ था कि कोई भी धोखा खा सकता था. मन ही मन मुझे उसकी इस शानदार एक्टिंग पर हंसी आ रही थी. इसके बाद बिना वक्त गंवाए वो अपने एजेंडे पर आ गई.

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क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से ऐसे बचें

ये बात सच है कि क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने पर रिवॉर्ड प्वॉइंट्स मिलते हैं लेकिन इसे कोई भी बैंक इसे कैश में बदलने का विकल्प नहीं देता है. इसलिए आप जालसाजों को अपना उल्लू सीधा करने का मौका न दें. अव्वल तो बैंक अपने कस्टमर को ऐसे रिवॉर्ड प्वॉइंट देने के लिए कॉल करते नहीं हैं. अगर करेंगे भी तो उनका नंबर कोई नॉर्मल मोबाइल नंबर नहीं होगा, 1800 टाइप से शुरू होगा. सबसे बड़ी बात ये है कि कॉल करने वाला कोई भी हो आपको अपने कार्ड का नंबर, सीसीवी नंबर, एक्सपायरी डेट किसी भी हालत में शेयर नहीं करना है. किसी भी बहाने से आपके इंटरनेट बैंकिंग का यूजरनेम, पासवर्ड या फिर ओटीपी जैसी डीटेल अगर कोई फोन पर मांग रहा है तो समझ जाएं कि दाल में कुछ काला है. दूसरी बात किसी भी शॉपिंग सेंटर, रेस्टोरेंट या फिर पेट्रोल पंप पर क्रेडिट कार्ड स्वाइप हमेशा अपने सामने करें, किसी को दूर कहीं लेकर स्वाइप करने ना दें क्योंकि ऐसा करके आप उसे अपने कार्ड की डीटेल नोट करने का मौका दे रहे हैं. याद रखिए, कई ऐसी इंटरनेशनल वेबसाइट हैं जिनपर शॉपिंग करने के लिए ओटीपी की जरूरत नहीं होती, यानी आपके क्रेडिट कार्ड पर लिखी डीटेल जानकर भी कोई आपके खाते से ट्रांजैक्शन कर सकता है.