PPF खाते की 10 अहम बातें, जिनके बारे में आपको नहीं होगी जानकारी!
प्रोविडेंट फंड एक जरूरी रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है. यह खाता कंपनी की ओर से ही खोला जाता है. कंपनी इसमें हर महीने आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा काटकर जमा कराती है.
पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है. (Image- Pixabay)
पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है. (Image- Pixabay)
आने वाले समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग सेविंग या इन्वेस्टमेंट (investment) करते हैं. बाजार की उठा-पटक के चलते लोग सुरक्षित निवेश का रास्ता अपनाते हैं, ताकि उनकी मेनहत की कमाई महफूज रहे और जरूरत के समय उनके काम आ सके. इसलिए काफी संख्या में लोग सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ (PPF) में इन्वेस्टमेंट (investment) करना पसंद करते हैं.
पीपीएफ अकाउंट (Public provident fund) होल्डर को भारत सरकार सुरक्षा की गारंटी देती है. सुरक्षा के साथ पीपीएफ (PPF) में टैक्स की बचत भी है. प्रोविडेंट फंड में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. और प्रोविडेंट फंड से मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. इस तरह पीपीएफ खाते के बहुत सारे फायदे हैं. अभी प्रोविडेंट फंड (provident fund) पर सालाना ब्याज की दर 8.65 फीसदी है.
प्रोविडेंट फंड
प्रोविडेंट फंड एक जरूरी रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम (Retirement savings scheme) है. यह खाता कंपनी की ओर से ही खोला जाता है. कंपनी इसमें हर महीने आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा काटकर जमा कराती है और कंपनी खुद भी 12 फीसदी तक पैसा जमा करती है. इस पूरे पैसे पर सालाना ब्याज दिया जाता है.
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पीपीएफ अकाउंट के बारे में ऐसी तमाम जानकारी हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है. हम यहां ऐसी ही बातों के बारे में आपको बता रहे हैं-
1- पीपीएफ खाता संयुक्त नामों में नहीं खोला जा सकता है. जिस तरह आप सेविंग या करंट अकाउंट में अपने किसी साथी का नाम शामिल कर लेते हैं, लेकिन पीपीएफ अकाउंट केवल एंप्लाई का ही खोला जाता है, उसमें किसी और का नाम शामिल नहीं कर सकते.
2- एक अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ खाता खोल सकता है. लेकिन अगर अभिभावक के पास पहले से ही खुद का पीपीएफ खाता है, तो बच्चे के खाते सहित अभिभावक के खाते में सालाना केवल 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं.
3- यदि नाबालिग के PPF खाते में योगदान माता-पिता/अभिभावक की आय से है, तो माता-पिता/अभिभावक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
4- जब नाबालिग 18 साल का हो जाए, तो नाबालिग से व्यस्क का स्टेटस बदलने के लिए एक एप्लिकेशन देनी होती है. व्यस्क हुए नाबालिग के हस्ताक्षर को उसके अभिभावक द्वारा अटेस्टेड करना होता है. इसके बाद पीपीएफ अकाउंट का ऑपरेशन व्यस्क करने लगता है.
5- एक एनआरआई (NRI) नया पीपीएफ खाता नहीं खोल सकता है. लेकिन एनआरआई अपने पहले से चल रहे पीपीएफ खातों को जारी रख सकते हैं. वे अपने मौजूदा PPF खातों में नया योगदान नहीं दे सकते हैं.
6- पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है. इसलिए ब्याज को अधिकतम करने के लिए ग्राहक को प्रत्येक महीने की 5 तारीख से पहले अपना योगदान या एकमुश्त रकम जमा करनी चाहिए.
7- पीपीएफ खाते (PPF account) के 7 साल पूरे जाने पर आप उसमें से कुछ रकम निकाल सकते हैं. पीपीएफ से आंशिक निकासी भी कर-मुक्त (tax free) है.
8- पीपीएफ खाते के 15 साल के हो जाने पर भी कुछ पैसे निकाल सकते हैं. और खाते से निकाली गई रकम टैक्स फ्री होती है.
9- पीपीएफ खाते का पीरियड 15 साल का होता है. 15 साल बाद मैच्योरिटी होने के बाद भी आप अपने खाते को जारी रख सकते हैं. मैच्योर होने के बाद खाते में पैसा जमा करने की जरूरत नहीं होती है. आप चाहें तो 15 साल बाद भी खाते को बिना किसी योगदान के जारी रख सकते हैं.
10- यदि आप खाता मैच्योर होने (15 साल पूरे) के बाद भी उसमें अपना योगदान जारी रखना चाहते हैं तो खाता मैच्योर होने की तारीख से 1 साल के भीतर एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा, जिसमें यह बात कही जाती है कि आप अपना योगदान जारी रखना चाहते हैं.
03:18 PM IST