इन 4 जगहों पर पत्नी करवा सकती हैं तगड़ा मुनाफा, लगा ली ये तरकीब तो बड़े-बड़े लोग भी आपके दिमाग की करेंगे तारीफ
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Nov 12, 2024 12:37 PM IST
हर व्यक्ति ज्यादा मुनाफा कमाने के लिहाज से ही निवेश करता है. निवेश ही वो तरीका है जिसके जरिए आप अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं. आजकल ऐसी तमाम स्कीम्स मौजूद हैं जो आपके इन्वेस्टमेंट पर बेहतर रिटर्न भी देती हैं और इनकम टैक्स भी बचाती हैं. लेकिन अगर आप तगड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इस इन्वेस्टमेंट में अपनी पत्नी को भी शामिल कीजिए. तमाम स्कीम्स हैं जिसमें पत्नी की मदद से आप कहीं ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. आगे की स्लाइड्स में जानिए इसके बारे में
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Post Office MIS
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में एकमुश्त रकम को इन्वेस्ट करना होता है. इन्वेस्टमेंट पर ब्याज से कमाई होती है. 5 साल बाद आपकी जमा की गई मूल रकम आपको वापस कर दी जाती है. मौजूदा समय में इस स्कीम पर 7.4 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. इस स्कीम में सिंगल और जॉइंट अकाउंट के लिए डिपॉजिट की अलग-अलग लिमिट्स तय की गई हैं. सिंगल अकाउंट में अधिकतम 9,00,000 रुपए और जॉइंट अकाउंट में अधिकतम 15,00,000 रुपए तक डिपॉजिट किए जा सकते हैं. मतलब साफ है कि अगर आप इस पत्नी के साथ मिलकर जॉइंट अकाउंट खुलवाएंगे तो ज्यादा डिपॉजिट कर पाएंगे और ज्यादा कमाई कर पाएंगे. अगर आप अकाउंट में 9,00,000 रुपए डिपॉजिट करते हैं तो 7.4% ब्याज के हिसाब से आप हर महीने 5,550 रुपए तक कमा सकते हैं. वहीं अगर आप पत्नी के साथ मिलकर POMIS का जॉइंट अकाउंट ओपन करते हैं और उसमें 15,00,000 रुपए डिपॉजिट करते हैं तो आप अधिकतम 9,250 रुपए महीने कमा सकते हैं.
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Fixed Deposit
5 साल से कम टेन्योर वाली एफडी से होने वाली कमाई टैक्सेबल मानी जाती है. जब फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज के जरिए होने वाली कमाई तय सीमा से ज्यादा होती है, तो उसमें से टीडीएस काट लिया जाता है. लेकिन अगर आप चाहें तो अपनी पत्नी की मदद से इस टैक्स को बचा सकते हैं. नियम के मुताबिक अगर एफडी पर ब्याज के जरिए होने वाली कमाई सालाना 40,000 रुपए से ज्यादा है तो टीडीएस कटता है. अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में आती है, लेकिन आपकी पत्नी हाउस वाइफ हैं तो आप पत्नी के नाम से एफडी करवाकर टीडीएस भुगतान से बच सकते हैं. हाउस वाइफ की टैक्स की देनदारी नहीं बनती है. वहीं अगर आपकी पत्नी लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं, तो भी आप उनके नाम से एफडी करवाकर टीडीएस कटौती को रोक सकते हैं. बस इसके लिए आपकी पत्नी को फॉर्म 15G भरना होगा. आप चाहें तो पत्नी के नाम से जॉइंट एफडी भी करवा सकते हैं, लेकिन इसमें आपको पत्नी को फर्स्ट होल्डर बनाना होगा.
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Home Loan
होम लोन बेशक एक कर्ज है लेकिन ये गुड लोन माना जाता है क्योंकि इसे आप प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए लेते हैं और प्रॉपर्टी की कीमत समय के साथ बढ़ती है. पत्नी को को-एप्लीकेंट बनाकर जब आप जॉइंट होम लोन लेते हैं तो आपको काफी फायदे मिलते हैं. पहला फायदा तो ये है कि लोन थोड़ा सस्ता मिल जाता है. आमतौर पर कर्जदाता महिला को-एप्लीकेंट होने पर लगभग 0.05 फीसदी (5 बेसिस प्वॉइंट्स) कम ब्याज दर ऑफर करते हैं. इसके अलावा आपकी पत्नी और आप दोनों कमाते हैं तो लोन अमाउंट की लिमिट भी बढ़ जाती है.
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Joint Home Loan Tax Benefits
पत्नी के साथ जॉइंट होम लोन लेकर आप इनकम टैक्स का भी जबरदस्त फायदा ले सकते हैं. इससे टैक्स बेनिफिट डबल हो जाता है. दरअसल जॉइंट होम लोन के लिए आवेदन करने पर कर्ज ले रहे दोनों व्यक्ति अलग-अलग इनकम टैक्स बेनिफिट का फायदा ले सकते हैं. लेकिन ये फायदा तभी मिलेगा जब दोनों एप्लीकेंट के साथ प्रॉपर्टी के मालिक भी हों. पत्नी के साथ जॉइंट होम लोन लेने पर आपको टैक्स में दोगुना फायदा होगा. प्रिंसिपल अमाउंट पर आप दोनों ही 1.5-1.5 लाख रुपए यानी कुल 3 लाख रुपए 80C के तहत क्लेम कर सकते हैं. वहीं, ब्याज पर दोनों को 2-2 लाख रुपए का टैक्स बेनेफिट सेक्शन 24B के तहत ले सकते हैं. इस तरह देखा जाए तो आप कुल मिलाकर 7 लाख रुपए तक पर टैक्स का फायदा पा सकते हैं. हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि आपका होम लोन कितने रुपए का है.
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