NPS Investment: हर महीने पेंशन के साथ Tax पर ट्रिपल छूट, जोरदार रिटर्न के लिए ये है बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन
NPS Investment: NPS रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए एक अच्छा विकल्प है, खासकर उनके लिए जो एडिशनल टैक्स बेनेफिट्स के लिए एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश की तैयारी रखते हैं.
NPS Investment: लंबे समय के लिए फंड तैयार करना हो तो सिस्टेमेटिक निवेश के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है. निवेशक इसमें पेंशन के लिए निवेश करते हैं, जिसे Equity और Debt में लगाया जाता है, और इससे उन्हें रिटर्न मिलता है. इसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) रेगुलेट करती है. नीचे हम आपको इस योजना के बारे में कुछ जरूरी बातें और टैक्स से जुड़े इसके फायदे आपको बता रहे हैं.
कौन कर सकता है निवेश?
इस योजना में 18 और 65 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक शामिल हो सकता है. भारत में रहने वाले और गैर निवासी भारतीय (NRIs) दोनों NPS में निवेश करने के पात्र हैं.
कितने तरह के होते हैं NPS Accounts?
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Tier I Account: यह एक नॉन-विदड्रॉएबल यानी गैर-निकासी पेंशन अकाउंट है. विदड्रॉल केवल कुछ खास परिस्थितियों में अनुमति दी जाती है (जैसे कि महामारी या बच्चों की शिक्षा/विवाह), और रिटायरमेंट पर.
Tier II Account: यह एक वॉलंटरी सेविंग्स अकाउंट है, और सदस्य इस खाते से कभी भी अपनी बचत निकाल सकते हैं. हालांकि, टैक्स बेनेफिट मुख्य रूप से टियर I अकाउंट्स के साथ जोड़े गए हैं.
इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस: सब्सक्राइबर्स अलग-अलग असेट क्लास जैसे कि सरकारी सिक्योरिटीज़, कॉर्पोरेट बॉन्ड, और इक्विटी में निवेश करने का चयन कर सकते हैं. इसके अलावा, वो अपने हिसाब से रिस्क देखते हुए असेट अलोकेशन का फैसला भी कर सकते हैं.
NPS पर क्या मिलते हैं Tax Benefits?
Section 80CCD(1): सेक्शन 80C के तहत किसी भी सैलरीड इंप्लॉई की ओर से NPS में 10% कॉन्ट्रिब्यूशन और सेल्फ-ईंप्लॉयड के लिए कुल इनकम का 20% योगदान डेढ़ लाख तक की छूट के तहत आता है.
धारा 80CCD(1B): सब्सक्राइबर धारा 80CCD(1) के अंतर्गत रु. 1.5 लाख की सीमा के ऊपर NPS में अधिकतम रु. 50,000 के निवेश के लिए एडिशनल डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
धारा 80CCD(2): इंप्लॉयर की ओर से कर्मचारी के NPS खाते में योगदान बिना किसी मैक्सिमम लिमिट के सैलरी के 10% (बेसिक+DA) पर टैक्स बेनेफिट मिलेगा.
विदड्रॉल और एग्जिट नियम: 60 वर्ष की आयु पर, सब्सक्राइबर 60% टैक्स-फ्री कॉर्पस निकाल सकते हैं. बाकी के 40% से एक एन्यूटी खरीदनी होती है तो जिससे सब्सक्राइबर को रेगुलर पेंशन मिलती है.
आंशिक निकासी: निवेश के तीन सालों के बाद, कुछ खास मामलों, जैसेकि बच्चे की उच्च शिक्षा, शादी, घर खरीदने/बनवाने या किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए NPS से आंशिक निकासी की जा सकती है.
Annuity: कॉर्पस के एक हिस्से से एनुइटी खरीदी जाती है, ये हिस्सा टैक्स फ्री होता है, लेकिन एनुइटी से मिले हुए पेंशन पर आपको टैक्स देना होगा.
NPS Extension and Continuation: 60 साल की उम्र के बाद, एक सब्सक्राइबर अपना NPS अकाउंट अगले 10 सालों के लिए बढ़वा सकता है. या फिर 70 सालों तक बिना निकासी किए लगातार निवेश जारी रख सकता है.
NPS रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए एक अच्छा विकल्प है, खासकर उनके लिए जो एडिशनल टैक्स बेनेफिट्स के लिए एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश की तैयारी रखते हैं. हालांकि, निवेश के पहले इन्वेस्टमेंट रिस्क और योजना को अच्छे से समझना बहुत जरूरी है. इसके लिए आप एक फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह-मशविरा कर सकते हैं.
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06:11 PM IST