New Wage Code: मई अंत तक आ सकता है नया ड्राफ्ट, हो सकते हैं कई बदलाव, जानें कब से लागू करने की है तैयारी
New wage code latest news: नए श्रम कानूनों (New wage Code) को लागू करने से पहले कुछ संशोधन किए जा रहे हैं. मोदी सरकार (Modi Government) लेबर कोड (New Labour Code) के सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव कर सकती है.
New wage code latest news: न्यू वेज कोड का इंतजार काफी वक्त से है. केंद्र सरकार (Central government) पिछले एक साल से इसे लागू करने की तैयारी कर रही है. लेकिन, राज्यों की तरफ से देरी होने की वजह से कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ. उम्मीद है कि इस साल इसे लागू कर दिया जाएगा. ज़ी बिज़नेस डिजिटल को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के ड्राफ्ट इनपुट पर चर्चा की जा रही है. खबर ये भी है कि नए श्रम कानूनों (New wage Code) में कुछ बदलाव किए जाएंगे.
न्यू लेबर कोड (New Labour Code) में कुछ संशोधन किए जा सकते हैं. मतलब इसमें सैलरी स्ट्रक्चर को लेकर बदलाव हो सकते हैं. साथ ही गिग (Gig) और प्लेटफॉर्म वर्कर (Platform workers) के लिए भी एक सामाजिक सुरक्षा कल्याण तंत्र पर काम चल रहा है. बता दें, नए लेबर कोड को 2019 में संसद ने पारित किया जा चुका है.
कब से लागू हो सकते हैं नए श्रम कानून
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के मुताबिक, सभी राज्यों से लगातार बात की जा रही है. नए ड्राफ्ट रूल तैयार हो रहे हैं. जब भी कोई बड़ी स्कीम लॉन्च करनी होती है, तो समय लगता है. इसमें राज्यों की भागीदारी जरूरी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी कोई भी डेडलाइन तय नहीं है. लेकिन, उम्मीद है कि लेबर कोड को साल 2022 में ही लागू कर दिया जाएगा. वहीं, श्रम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मई 2022 के अंत तक ड्राफ्ट (New wage code draft) फाइनल हो जाएंगे. इसके बाद इन्हें लागू किया जा सकता है.
सैलरी स्ट्रक्चर में होगा बड़ा बदलाव
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सैलरी स्ट्रक्चर को लेकर भी कुछ असहमतियां थीं, लेकिन अब लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) और लेबर यूनियन (Labour Union) के बीच चर्चा के बाद नई ड्राफ्ट गाइनलाइन तैयार की जा रही हैं. अभी तक जो गाइडलाइन तैयार की गई थीं. उसमें कुल CTC का 50% बेसिक सैलरी और 50% अलाउंस में रखने की बात थी. नौकरीपेशा की इनहैंड सैलरी कम होने की चर्चा थी. टैक्स का बोझ बढ़ने की भी संभावनाएं जताई गई थीं. लेकिन, अब स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव आ सकता है. सूत्रों की मानें तो न्यू वेज कोड लागू होते ही अलाउंस के पार्ट को सीधे 50% नहीं रखा जाएगा. बल्कि धीरे-धीरे इन्हें बढ़ाया जाएगा.
अलाउंस में क्या हो सकता है बदलाव?
न्यू वेज कोड (New wage code) में नया संशोधन ये होगा कि लागू होने के पहले साल में अलाउंस की लिमिट को 70-75% ही रखा जाएगा. जैसे मौजूदा स्ट्रक्चर में कंपनियां करती हैं. लेकिन, धीरे-धीरे इसे 3 साल में घटाकर 50 फीसदी कर दिया जाएगा. आसान तरीके से समझें तो लागू होने के पहले साल 70% अलाउंस रखे जाएंगे और 30% बेसिक सैलरी. इसके बाद 3 साल में अलाउंस का हिस्सा 50% होगा और बेसिक सैलरी को बढ़ाकर 50% कर दिया जाएगा.
कंपनी बंद होने के नियम भी बदलेंगे
लेबर कोड में कर्मचारियों की छंटनी (Layoffs) और कंपनी बंद होने को लेकर भी नियम बनाए गए हैं. मौजूदा स्थिति में इसमें 300 कर्मियों की सीमा तय की गई थी. लेकिन, अब इसमें भी बदलाव होने की संभावना है. सूत्रों की मानें तो इसे 300 से घटाकर 100 कर्मचारी करने पर विचार चल रहा है. इंडस्ट्रीयल रिलेशंस कोड (Industrial Relations Code) के तहत कर्मचारियों की छंटनी या कारोबार बंद करने के लिए 100 तक कर्मियों वाली कंपनियों के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होगी.
कौन से अलाउंस होंगे शामिल?
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, इंडस्ट्री ने नए सैलरी स्ट्रक्चर में 50% अलाउंस रखने का विरोध किया था. इसलिए इसे बदला जा रहा है. नए लेबर कोड में बेसिक पे (Basic Salary), महंगाई भत्ता (Dearness Allowances – DA) और रिटेनिंग अलाउंसेज भी शामिल होंगे. हाउस रेंट अलाउंसेज (HRA) और ओवरटाइम अलाउंसेज (Overtime Allowances) शामिल नहीं किया जाएगा. अलाउंस के शामिल होने से एम्प्लाई और एम्प्लॉयर को प्रोविडेंट फंड में ज्यादा योगदान करना होगा. ग्रेच्युटी की रकम (Gratuity) भी बढ़ जाएगी.
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10:12 AM IST