Power of SIP: लोन पर लिया है मकान? SIP से वसूल हो जाएगी घर की कीमत; ₹40 लाख होम लोन पर देखें कैलकुलेशन
Home Loan and Power of SIP: क्या आपने सोचा है कि इसकी भरपाई कैसे की जाए. यानी, जो ब्याज हम अगले 20 साल देंगे उसे किस तरह वापस हासिल कर सकते हैं. जिससे कि घर कीमत वसूल हो जाए. इसका एक आसान तरीका SIP स्ट्रैटजी है.
(Representational Image)
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Home Loan and Power of SIP: होम लोन एक ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए आसानी से मकान खरीदने का सपना पूरा हो जाता है. बेकाबू महंगाई के चलते कर्ज की ब्याज दरें लगातार बढ़ रही है. कर्ज महंगा होने का एक साइड इफैक्ट यह है कि आपकी मंथली किस्त (EMI) ज्यादा हो जाती है या आपकी रिपेमेंट अवधि बढ़ जाती है. इस समय अलग-अलग बैंकों के होम लोन की शुरुआती ब्याज दरें औसतन 8.50 फीसदी के आसपास हैं. इस ब्याज दर पर अगर आप 40 लाख रुपये का होम लोन अगले 20 साल के लेते हैं, तो आपको प्रिंसिपल अमाउंट पर कमोबेश उतना ही उतना ब्याज देना पड़ जाएगा. यानी, होम लोन के जरिए लिये गए मकान की वैल्यू लगभग दोगुनी पड़ जाती है. क्या आपने सोचा है कि इसकी भरपाई कैसे की जाए. यानी, जो ब्याज हम अगले 20 साल देंगे उसे किस तरह वापस हासिल कर सकते हैं. जिससे कि मकान की कीमत वसूल हो जाए. इसका एक आसान तरीका SIP स्ट्रैटजी है.
फाइनेंशियल स्ट्रैटजी है कारगर
होम लोन लेने से पहले क्या आपने इसका कैलकुलेशन किया है. इसे ऐसे समझिये कि 40 लाख के लोन के बदले आप अगले 20 साल में बैंक को 43 लाख से ज्यादा का सिर्फ ब्याज चुका देंगे. अगर कुल रिपेमेंट अमाउंट देखा जाए, तो यह करीब 84 लाख के आसपास बनेगा. वो भी तब जब पूरे रिपेमेंट टेन्योर में ब्याज दरें 8.5 फीसदी पर बनी रहती हैं. अगर आपने इतना कैलकुलेशन कर लिया, तो अब वक्त है एक ऐसी फाइनेंशियल स्ट्रैटजी बनाने का, जिसके जरिए आप अपने होम लोन के टेन्योर के साथ-साथ घर की कीमत के बराबर कॉपर्स भी बना लें.
होम लोन लेने के बाद कैसे बनाएं
एक्सपर्ट एकता निगम कहती हैं, आज के समय में अगर बड़े शहरों में एक 2BHK मकान की औसत कीमत देखें, तो वह करीब 50-60 लाख रुपये के आसपास है. अगर आप 50 लाख रुपये की कीमत वाले मकान के लिए 80 फीसदी लोन (40 लाख) लेते हैं, तो भी इस अमाउंट पर आपको भारी-भरकम ब्याज चुकाना होगा.
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एकता कहती हैं, ऐसे में अब इसे रिकवर करने का प्लान बनाना चाहिए. इसके लिए आज के समय में म्यूचुअल फंड SIP एक बेहतर ऑप्शन है. इसमें आपकी स्ट्रैटजी यह होनी चाहिए होम लोन की EMI शुरू होने के साथ ही उतने ही टेन्योर के लिए मंथली SIP भी शुरू कर दें. अब हर महीने SIP में कितनी रकम डालनी है, यह EMI के आधार पर तय करनी चाहिए. अमूमन, अगर आप अपनी EMI की 20-25 फीसदी की SIP करते हैं, तो होम लोन की समाप्ति तक आप जितना कुल भुगतान बैंक को करेंगे, उतना कॉपर्स भी बना लेंगे.
होम लोन पर करें कैलकुलेशन
कुल होम लोन: 40 लाख रुपये
टेन्योर: 20 साल
ब्याज दर: 8.5 फीसदी सालाना
EMI: 34,713 रुपये
लोन पर कुल इंटरेस्ट: 4,331,103 रुपये
लोन के बदले कुल पेमेंट: 8,331,103 रुपये (करीब 84 लाख रुपये)
SIP पर करें कैलकुलेशन
SIP की रकम: EMI का 25% (8,678 रुपये)
निवेश की अवधि: 20 साल
अनुमानित रिटर्न: 12% सालाना
20 साल बाद SIP की वैल्यू: 86,70,606 रुपये (करीब 86.7 लाख)
महंगाई एडजस्ट करके जानें असल रिटर्न
EMI के साथ-साथ मंथली SIP शुरू करते हैं, तो 20 साल बाद बैंक लोन और उसके एवज में दिए जाने वाले कुल इंटरेस्ट की कीमत आपको मिल जाएगी. लेकिन, यहां एक सवाल यह है कि क्या इसे वास्तविक रिटर्न माना जाएगा. यहां यह समझें कि निश्चित रूप से आपके पास उपरोक्त कैलकुलेशन पर अनुमानित कॉपर्स 86 लाख से ज्यादा होगा. लेकिन, एक हिडेन फैक्ट महंगाई दर का भी होता है, जो हर साल बॉरोअर (कर्ज लेने वाला) वहन करता है. ऐसे में अगर हम महंगाई दर को SIP रिटर्न से एडजस्ट करते हैं, तो यह पता चलता है कि असल में कितना कॉपर्स बनाने में सफलता मिली है.
6% औसत महंगाई दर पर SIP रिटर्न
SIP की रकम: EMI का 25% (8,678 रुपये)
निवेश की अवधि: 20 साल
अनुमानित रिटर्न: 12% सालाना
सालाना औसतम महंगाई दर: 6 फीसदी
20 साल बाद SIP की वैल्यू: 40,29,639 रुपये (करीब 41 लाख)
महंगाई के बाद भी लोन वसूल
SIP रिटर्न में महंगाई दर को एडजस्ट करने के बाद भी वास्तविक कॉर्पस करीब 41 लाख रुपये अनुमानित है. आपके होम लोन भी 40 लाख है. यानी, कमोबेश आप मकान की लोन की रकम के बराबर कॉपर्स आसानी से बना सकते हैं. जिस तरह होम लोन लंबी अवधि का लोन प्रोडक्ट है. यानी, बॉरोअर को लंबे समय तक रिपेमेंट करना पड़ता है. उसी तरह, SIP को भी अगर लंबी अवधि तक जारी रखते हैं, तो कम्पाउंडिंग का जबरदस्त फायदा होता है.
एकता निगम के मुताबिक, म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश पर हमेशा ही कम्पाउंडिंग का फायदा होता है. लंबी अवधि में कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं, जिनका रिटर्न औसतन 7 से 15 फीसदी तक सालाना रहा है. म्यूचुअल फंड में निवेश जितना जल्दी शुरू किया जाए, उसका फायदा उतना ही निवेशकों को होता है. हालांकि, म्यूचुअल फंड में रिटर्न की गारंटी नहीं होती है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, लक्ष्य और रिस्क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)
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02:07 PM IST