SIP: तारीख से तय होता है रिटर्न ज्यादा मिलेगा या कम? एक्सपर्ट से जानिए SIP करने का सही समय, तरीका
Mutual Fund SIP: क्या म्यूचुअल फंड में SIP की तारीख से तय होता है ज्यादा या कम रिटर्न? क्या महीने की किसी खास तारीख पर निवेश करने से अच्छा रिटर्न बना सकते हैं या फिर निवेश के लिए हर महीने एक ही समय तय करना बेहतर है. एक्सपर्ट से समझते हैं.
(Representational Image)
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Mutual Fund SIP: क्या म्यूचुअल फंड में SIP की तारीख से तय होता है ज्यादा या कम रिटर्न? क्या महीने की किसी खास तारीख पर निवेश करने से अच्छा रिटर्न बना सकते हैं या फिर निवेश के लिए हर महीने एक ही समय तय करना बेहतर है. ऐसी तमाम स्टडी में यह जानकारी सामने आई कि अलग-अलग तारीख SIP करने पर लंबी अवधि खासकर 8 साल, 10 साल में उसके रिटर्न कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP रिटर्न में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन-सा दिन चुन रहे हैं. जब भी आपके कैश फ्लो हो, आप निवेश कर सकते हैं.
SIP: कब करें निवेश
ऑप्टिमा मनी के MD पंकज मठपाल का कहना है, अगर अलग-अलग तारीख पर SIP करते हैं, तो रिटर्न पर इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. आप चाहें महीने की 1 तारीख को करें, या महीने के मिड में करें या आखिरी में करें, SIP रिटर्न में कोई खास बदलाव नहीं आता है.
पंकज मठपाल का कहना है, SIP करने का सबसे सही दिन वो है, जिस दिन आपके अकाउंट में पैसा उपलब्ध है. अगर आपकी सैलरी 1 तारीख को आती है, तो आप SIP की तारीख 1 या 2 रख लीजिए. अगर आपकी सैलरी थोड़े दिन बाद आती है, तो उस हिसाब से आप तय कर लीजिए. लेकिन, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन-सा दिन चुन रहे हैं. स्टडी में भी यह जानकारी सामने आई है कि अलग-अलग तारीख पर देखा गया कि अगर आपने इंडेक्स में निवेश किया, तो भी रिटर्न पर कोई फर्क देखने को नहीं मिला.
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रुंगटा सिक्योरिटीज के CFP हर्षवर्धन रुंगटा का कहना है, सबसे पहले हम समझें कि SIP हम करते क्यों हैं. इसके 2 हैं. पहला, जब आपको हर महीने सैलरी या जो भी इनकम है, उससे पैसे आते हैं. इसलिए आप निवेश भी हर महीने करते हैं. दूसरा कारण SIP करने का यह है कि मार्केट वॉलेटाइल रहता है, कभी उपर-कभी नीचे. हमें ये नहीं मालूम रहता है कि जब हम निवेश करते हैं, तो उसके बाद क्या होगा. मार्केट गिरेगाा या तुरंत बढ़ जाएगा. ऐसे में हम लगातार 8, 10 साल के टाइम फ्रेम में देखें तो हमें यह पता नहीं होता कि मार्केट कब बढ़ेगा या कब घटेगा. हम कब पैसा लगाना चाहिए, जिससे कि नीचे के स्तर का फायदा मिले. ये सब आकलन मुमकिन नहीं होता है. इसलिए हम SIP करते हैं.
रुंगटा का कहना है, रिसर्च रिपोर्ट की बात करें, तो हम महीने की किसी भी तारीख को SIP करते हैं और 8 साल 10 साल तक रखते हैं, तो रिटर्न में फर्क लगभग नगण्य है. इसलिए बेहतर यही है कि जब भी आपके पास कैश फ्लो है, लंबी अवधि के नजरिए से SIP करनी चाहिए.
कौन सा समय सही?
SIP तारीख | रिटर्न( 10 साल) |
1st | 15.74% |
10th | 15.66% |
15th | 15.71% |
28th | 15.71% |
(स्रोत-व्हाइटओक कैपिटल)
SIP- कैसी किस्त सही?
पंकज मठपाल का कहना है, डेली, वीकली या मंथली एसआईपी की बात करें, तो इसमें रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिल सकता है. ऐसे में निवेशक ऐसा करते हैं, कि अगर उन्हें हर महीने 10 हजार रुपये की एसआईपी करनी है, तो वो हर हफ्ते 2,500 रुपये की एसआईपी करें, तो उसका रिजल्ट थोड़ा बेहतर होगा. यानी, ऐसे निवेशक जो हर महीने एक निश्चित रकम निवेश करना चाहते हैं, तो उनके लिए बेहतर होगा कि वो वीकली निवेश करें. जहां तक बात डेली एसआईपी की है, तो यह उतना भी जरूरी नहीं है. इसका कोई खास फायदा नहीं होगा. लेकिन अगर 4 सा 6 किस्तों में करते हैं, तो रुपी कास्ट एवरेजिंग का इसका थोड़ा ज्यादा फायदा होगा.
हर्षवर्धन कहते हैं, डेली, वीकली या मंथली एसआईपी करने का लंबी अवधि में आखिर में जो रिटर्न आता हे, उसका कोई खास अंतर नहीं होता है. अगर निवेशक लंबी अवधि में वेल्थ किएशन चाहते हैं, तो अपनी सुविधा, अकाउंटिंग और बार-बार बैंक अकाउंट में एंट्री (डेबिट को लेकर) को ध्यान में रखते हुए एक ही दिन में पैसे जमा करना बेहतर ऑप्शन है.
SIP किस्त | रकम | रिटर्न | कुल वैल्यू |
डेली | ₹1000 | 14.1% | ₹6.10 करोड़ |
वीकली | ₹4756 | 14.1% | ₹6.12 करोड़ |
मासिक | ₹20,677 | 14.1% | ₹6.13 करोड़ |
(अवधि-26 साल, स्रोत-व्हाइटओक कैपिटल)
लंबी अवधि में हिट SIP
पंकज मठपाल का कहना है, अगर वेल्थ क्रिएशन की बात करें, तो हम इक्विटी म्यूचुअल फंड की बात करते हैं. क्योंकि एसआईपी तो डेट और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में भी किया जा सकता है. इक्विटी ऐसा क्लास है, जहां लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन हो सकता है. जहां तक लंबी अवधि की बात है, व्हाइटओक की रिपोर्ट भी देखें, तो 8 साल या उससे ज्यादा की एसआईपी करते हैं, तो निगेटिव रिटर्न की संभावना खत्म हो जाती है. इसलिए लंबी अवधि में रिटर्न बेहतर आएगा. उनका कहना है कि एसआईपी का होराइजन 10 साल या उससे ज्यादा लेकर चलना चाहिए.
रुंगटा का कहना है, निवेशक के माइंडसेट को समझें तो आमतौर पर वे मानते हैं कि नुकसान भी हो सकता है. व्हाइटओक का डेटा बताता है कि 8 साल से ज्यादा की एसआईपी करते हैं, तो नुकसान की संभावना लगभग जीरो हो जाती है. ऐसे में लंबी अवधि के लिए 8 साल का नजरिया रखना चाहिए.
SIP अवधि | अधिकतम रिटर्न | न्यूनतम रिटर्न | एवरेज रिटर्न |
3 साल | 52.4% | -36.2% | 13% |
5 साल | 50% | -10.5% | 15.2% |
8 साल | 40.8% | 1.4% | 16.2% |
10 साल | 29.6% | 4.6% | 15.7% |
(स्रोत-व्हाइटओक कैपिटल)
SIP के फायदे
- नियमित निवेश लंबी अवधि में फायदेमंद
- बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए फायदेमंद
- SIP से निवेश में जोखिम कम रहता है
- SIP से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है
- SIP लक्ष्य हासिल करने के लिए बेहतर
- पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन में मददगार
- भविष्य में SIP की रकम को बढ़ा भी सकते हैं
- SIP रुपी कॉस्ट एवरेजिंग पर करता है काम
- निवेश बनाए रखते हैं तो गिरावट का ज्यादा असर नहीं
- लगातार निवेश बनाए रखने से आपको फायदा होता है
- यूनिट की कीमत कम होने पर ज्यादा यूनिट खरीदना
- यूनिट की कीमत ज्यादा होने पर कम यूनिट की खरीद
SIP से वेल्थ क्रिएशन
अवधि | SIP | रिटर्न | वैल्यू |
15 साल | ₹10,000 | 14% | ₹61.3 लाख |
10 साल | ₹10,000 | 14% | ₹26.2 लाख |
8 साल | ₹10,000 | 14% | ₹17.7 लाख |
5 साल | ₹10,000 | 14% | ₹8.7 लाख |
क्या है SIP करने का सही तरीका?
— Zee Business (@ZeeBusiness) April 28, 2023
नियमित निवेश से ही मुनाफे का मौका
SIP की तारीख तय करती है रिटर्न?
SIP ऑन टाइम, मुनाफा हरदम
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11:31 AM IST